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This Article is From Mar 20, 2025

इस बार रमजान में क्यों फीका पड़ा खजूरों का कारोबार, जान लीजिए वजह

Ramadan: रमजान के महीने में इस दौरान इंदौर में खजूर के कारोबार में गिरावट देखने को मिली है. इसकी वजह भी सामने आ गई है, लेकिन बता दें कि बाजार में 80 रुपये से लेकर 1200 रुपये किलो तक के खजूर मिल रहे हैं.

इस बार रमजान में क्यों फीका पड़ा खजूरों का कारोबार, जान लीजिए वजह

Indore News: पवित्र रमजान माह में इबादत के साथ पूरे दिन भूखे प्यासे रह कर रोजा रखने वाले रोजेदार के लिए शाम में होने वाला इफ्तार का समय खास होता है. रोजा इफ्तार के समय खाने के दस्तरखान पर यूं तो कई पकवान होते हैं, लेकिन पवित्र रमजान माह में खजूर का महत्व बढ़ जाता है.

इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद को खजूर काफी पसंद थे और वह रमजान माह में खजूर से ही रोजा इफ्तार करते थे. यही वजह है कि खजूर से रोजेदार रोजा इफ्तार करते है. हालांकि रमजान ग्रर्मी में होने से खजूर की खरीदारी आधी रह गई है.

एक करोड़ का होता था कारोबार

एक माह में इंदौर शहर में 1 करोड़ का खजूरों का कारोबार होता है. इस बार मार्केट में खजूरों की कई तरह की किस्में शामिल हैं, जिसमें मुजाफाति, रुतब, जायदी और कलमी, अजवा खजूर मौजूद हैं. खजूर में 285 कैलोरी होती है, जो 2 रोटी के बराबर शक्ति देते हैं.

1200 रुपये किलो तक के खजूर

पूरे प्रदेश में खजूरों का सबसे बड़ा बाजार इंदौर ही है. इंदौर से ही खजूर की पूरे प्रदेश में सप्लाई होती है. खजूर के सबसे बड़े व्यापारी फैसल इब्राहिम के अनुसार, रमजान माह में पूरे प्रदेश में 5 करोड़ का खजूरों का कारोबार होता था, लेकिन गर्मी की वजह से यह आधा रह गया है. बाजार में 80 रुपये किलो से लेकर 1200 रुपये किलो खजूर ही उपलब्ध है.

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