
मध्य प्रदेश में घूसखोरी का एक बड़ा मामला सामने आया है. दामोह से लोकायुक्त पुलिस, सागर ने एक बाबू को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है. ये रिश्वतखोर बाबू एक रिटायर्ड शिक्षक से रिश्वत ले रहा था. मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के आंकड़े बड़े ही चौंकाने वाले हैं. यहां इस तरह के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इसी भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेरती रही है.
शिक्षक अपनी पेंशन पाने के लिए था परेशानपूरा मामला ये है कि एक रिटायर्ड शिक्षक की पेंशन तैयार करने के लिए बाबू ने इनसे पैसे की मांग की. शिक्षक को ये बात बुरी लगी और उसने इस रिश्वतखोर बाबू को सबक सिखाने की ठान ली. शिक्षक ने पहले लोकायुक्त को इसकी सूचना दी इसके बाद वो रिश्वत मांगने वाले बाबू अभिषेक जैन को 5 हजार की रिश्वत भी दे दी. इसके बाद इस रिश्वतखोर बाबू को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. रिश्वत लेने वाले बाबू के लोकायुक्त पुलिस को देखकर होश उड़ गए लेकिन अब क्या ही हो सकता था. जैसी करनी वैसी भरनी.

मध्य प्रदेश में इस तरह के मामले काफी ज्यादा सामने आ रहे हैं, लेकिन अगर इस शिक्षक की तरह ही हर कोई हिम्मत दिखायेगा तो रिश्वतखोर, रिश्वत लेने से पहले सौ बार सोचेंगे. अधिकतर मामलों में सरकारी अधिकारी कागजी कार्यवाही को इतना कठिन बना देते है जिससे परेशान होकर आदमी सामने से ही रिश्वत की पेशकश कर देता है. इस तरह की कार्यवाही अधिक होने की जरूरत है. पुलिस के साथ साथ लोकायुक्त पुलिस या इस तरह की जांच एजेंसियों को पूरी तरह से सक्रिय होना होगा.