
Doctor Death Narendra Vikramaditya Yadav: फर्जी दस्तावेजों के जरिए मिशन अस्पताल में सर्जरी कर 7 मरीजों को मारने वाला फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन. जॉन कैम दमोह जिला जेल में बंद है, लेकिन जेल में भी उसने जेल कर्मचारियों का बुरा हाल कर रखा है. अपनी करतूतों से मिशन अस्पताल में ताला डलवा चुके डाक्टर डेथ ने पिछले 15 दिनों से जेल में नहाया नहीं, जिससे लाचार होकर जेल अधीक्षक को पत्र लिखना पड़ा है.
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15 दिनों में जेल में एक बार भी नहाया नहीं फर्जी डिग्री वाला डाक्टर नरेंद्र यादव
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 15 दिनों से दमोह जिला जेल में न्यायिक अभिरक्षा में बंद फर्जी डाक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव एक ही जोड़ी काले कपड़ों में है. इतना ही नहीं, उसने पिछले 15 दिनों में एक बार भी नहाया नहीं है, जिससे जेल का माहौल बिगड़ रहा है. इस संबंध में जेल अधीक्षक ने पत्र तक लिखना पड़ा है.
जेल अधीक्षक ने फर्जी डाक्टर के स्थानांतरण के लिए न्यायालय को लिखा पत्र
दमोह जिला जेल अधीक्षक ने न्यायालय को लिखे पत्र में कोर्ट से गुजारिश की है कि आरोपी डाक्टर को दमोह जेल की जगह किसी केंद्रीय कारागार स्थानांतरित कर दिया जाए, क्योंकि दमोह जिले में फर्जी सर्जन अपनी दैनिक क्रियाएं भी समय पर नहीं करता हैं और सह कैदियों को भड़काने और बरगलाने का काम करता है.
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नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने 18 सालों में 15 सर्जरी किया, जिसमें 7 मरीज मारे गए
दमोह के मिशन अस्पताल में खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने 18 सालों में 15 ऐसी सर्जरी करने का आरोप है जिनमें से सात मरीजों की मौत हो गई. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इसी डॉक्टर ने साल 2006 में छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का भी ऑपरेशन किया था जिसमें उनकी मौत हो गई थी.
महिला डॉक्टर के नाम पर है नरेद्र विक्रमादित्य यादव की MBBS का रजिस्ट्रेशन
मेडिकल काउंसिल के रिकॉर्ड बताते हैं कि फर्जी सर्जन नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की घोषित MBBS की डिग्री का रजिस्ट्रेशन एक महिला डॉक्टर के नाम पर है और बाकी डिग्रियों का कोई प्रमाण नहीं. Andhra Pradesh Medical Council का रिकॉर्ड भी संदिग्ध है. दमोह के SP श्रुतकीर्ति सोमवंशी के मुताबिक उसकी सभी डिग्री नकली लग रही है.
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2006 में पता चल गया था नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की फर्जी डिग्री का राज
एनडीटीवी की पड़ताल में सामने आया कि मिशन अस्पताल नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का पहला मिशन नहीं था. अगस्त 2006 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का ऑपरेशन भी इसी फर्जी डॉक्टर ने किया था. उस ऑपरेशन के बाद 8 मरीजों की मौत हुई थी. तब भी जांच में यह सामने आया कि उसके पास सिर्फ एक एमबीबीएस डिग्री है