
Dalit Pee Case: भिंड जिले में दलित पेशाब कांड मामला शांत होने की बजाय अब एक बार फिर बड़ा रूप लेता दिखाई दे रहा है. प्रशासन लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर सवर्ण समाज ने खुलकर दलितों के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. माहौल तनावपूर्ण है और हालात को कंट्रोल में रखने के लिए पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है.
महापंचायत में लिया गया बहिष्कार का फैसला
गांव में सवर्ण समाज ने बड़े स्तर पर महापंचायत बुलाई, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे. इस सभा में एक आवाज में शपथ ली गई कि अब दलित समाज से किसी भी तरह का सामाजिक, आर्थिक या पारिवारिक संबंध नहीं रखा जाएगा. साफ शब्दों में कहा गया कि अब न लेन-देन होगा, न खरीद-बिक्री, और न ही उनके सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी.
मामला राजनीतिक रूप से उछाला गया
महापंचायत में शामिल सवर्ण समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि जिस दलित ड्राइवर के साथ पेशाब कांड हुआ, उसके आरोपी सोनू बरुआ के परिवार से उनके पहले से निजी संबंध रहे हैं. लेकिन पूरी घटना को भीम आर्मी ने जातीय रंग देकर राजनीतिक फायदा उठाने के लिए हवा दी. आरोप यह भी लगाया गया कि “भीम आर्मी बार-बार सवर्ण समाज को झूठे मामलों में फंसाकर पैसा वसूलने की कोशिश कर रही है.”
भीम आर्मी की रणनीति का कानूनी जवाब देने की तैयारी
सभा में मौजूद समाज प्रतिनिधियों ने कहा कि अब वे भीम आर्मी की कथित उकसाने वाली गतिविधियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. साथ ही प्रशासन से यह मांग भी रखी जाएगी कि अगर कोई भी व्यक्ति जातीय तनाव बढ़ाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाए.
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प्रशासन सख्त, हालात पर लगातार निगरानी
महापंचायत के बाद जिला प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया. एएसपी संजीव पाठक ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और लगातार गश्त बढ़ा दी गई है. उन्होंने चेतावनी दी कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हालात तनावपूर्ण जरूर हैं, लेकिन प्रशासन के मुताबिक फिलहाल नियंत्रण में हैं.
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