MP News in Hindi: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में सामाजिक समरसता का एक बड़ा संदेश गूंजा है. उदयपुरा विधानसभा के ग्राम पिपरिया पुआरिया में लोक स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने समाज के बंधनों को तोड़ते हुए दलित संतोष पारोचे के घर पहुंचकर भोजन किया. आखिर मंत्री जी को खुद आगे आकर यह संदेश देने की जरूरत क्यों पड़ी, वजह चौंकाने वाली है.
आपका कहना सही है, क़ानूनी कार्यवाही हो सकती है। पर ये बिषय कानून से अधिक सामाजिक सोच परिवर्तन का है। पंडित श्री राम शर्मा जी ने कहा है- हम बदलेंगे, युग बदलेगा।
— Narendra Shivaji Patel (@nsp2106) September 23, 2025
अतः गलत सामाजिक सोच रखने वालों के हृदय परिवर्तन हेतु कानून की जगह अपने स्वयं के आचरण से सिखााना सरल है। https://t.co/ui2WF0Og6n
दलित संतोष पारोचे के पिता के श्राद्ध कार्यक्रम में जब कुछ लोगों और आरएसएस के स्वयंसेवकों ने उनके घर भोजन कर लिया तो गांव के एक वर्ग को यह नागवार गुजरा. देखते ही देखते संतोष को सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ा और पूरा परिवार दंडित कर दिया गया. गांव में जातिगत भेदभाव का यह चेहरा सामने आया तो मंत्री खुद मैदान में उतरे और संतोष के घर जाकर भोजन किया.
समाज करने किया था बहिष्कार
पिपरिया पुआरिया गांव के संतोष वाल्मीकि पिछले कई दिनों से समाज के बहिष्कार का दर्द झेल रहे थे. पिता के श्राद्ध पर बुलाए गए दोस्तों का सिर्फ उनके घर भोजन करना, गांव के कुछ लोगों को इतना नागवार गुजरा कि उन्होंने विरोध शुरू कर दिया.बात जब मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल तक पहुंची तो उन्होंने बिना देर किए संतोष के घर पहुंचकर भोजन किया और समाज को करारा संदेश दिया कि जाति-भेदभाव की दीवारें अब ढहनी ही चाहिए.
गांव में मंत्री का यह कदम चर्चा का बड़ा विषय बन गया. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जातीय ऊंच-नीच के खिलाफ डटकर खड़े होकर वह काम किया है, जिसकी आज बेहद जरूरत है. वहीं, यूटिया से अशोक थाबर ने कहा कि हमने आज तक ऐसा मंत्री नहीं देखा, अगर यही रवैया जारी रहा तो समाज ही नहीं देश में बड़ा सुधार होगा.
ये भी पढ़ें- लड़की का फिल्मी अंदाज में अपहरण: बोलेरो में बैठाकर ले गए, ग्रामीणों ने दिखाई हिम्मत, पुलिस ने 20KM तक किया पीछा