मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में डिजिटल फ्रॉड का बड़ा मामला सामने आया है. जिले में गुरुवार दोपहर को साइबर ठगों ने बुजुर्ग को डेढ़ घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा था. ठगों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और उसे कमरे में बंद रख वीडियो कॉल पर बातचीत कर डराते-धमकाते रहे. जिले में इस तरह का पहला डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है.
यह जिले में इस तरह का पहला हाउस अरेस्ट फ्रॉड मामला है. समय रहते पड़ोसियों की सक्रियता और पुलिस के पहुंचने से बड़ी आर्थिक ठगी टल गई.
वॉट्सऐप पर कॉल करके ऐसे फंसाया
जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर को मंदिर से दर्शन कर घर लौटे पीड़ित किशोर भास्कर राव को अचानक वॉट्सऐप कॉल आई. रिश्तेदारों की कॉल समझकर उन्होंने कॉल उठा ली. कॉल पहले 9431611653, फिर 7407256856 नंबर से आई. पहली कॉल पर खुद को टेलीकॉम कंपनी का अधिकारी बताकर ठग ने कहा कि उनके आधार और नंबर से बड़ा अपराध हुआ है. फिर इसे पुलिस जांच का मामला बताते हुए दूसरी कॉल से जोड़ दिया.
वीडियो में दिखा थाने का बैकग्राउंड
दूसरी कॉल वीडियो पर थी, जिसमें थाने जैसा बैकग्राउंड दिख रहा था. खुद को दिल्ली के बाराखंबा थाने का अधिकारी बताते हुए ठग ने कहा कि किशोर भास्कर पर FIR दर्ज होने वाली है. डराते हुए उसने बुजुर्ग को घर के एक अलग कमरे में जाकर दरवाजा अंदर से बंद करने को कहा और यहीं से हाउस अरेस्ट शुरू हो गया.
किसी से भी बात न करने को किया मना
फ्रॉड लगातार धमकाते रहे कि मामला गंभीर है, फोन न काटें, किसी से बात न करें. बुजुर्ग लगभग डेढ़ घंटे से ज्यादा इसी कमरे में बंद रहे, जबकि बाहर उनकी पत्नी और पड़ोसी लगातार दरवाजा खटखटाते रहे, पर डर के कारण वे बाहर नहीं आए.
पड़ोसियों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी. पुलिस जैसे ही मौके पर पहुंची तो फिर पूरे प्रकरण का खुलासा हो गया. जब कोतवाली पुलिस ने वीडियो कॉल पर ठगों से बात करने की कोशिश की तो फ्रॉड करने वालों ने उल्टा असली पुलिस को ही नकली पुलिस बता दिया और शिकायत करने की धमकी दी. मामला बिगड़ता देख ठगों ने तुरंत वीडियो कॉल काट दी.