
Corruption in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार (Dhar) जिला में एक सेवा निवृत्त कर्मचारी (Retired Worker) को पेंशन के लिए भटकना पड़ रहा है. उसे सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जनसुनवाई में रिटायर्ड कर्मचारी ने कलेक्टर को तीन बार आवेदन देकर कोषालय के भ्रष्टाचार से अवगत कराते हुए अपनी पेंशन के लिए दर-दर भटकने की पीढ़ा बताई. लेकिन, उसकी परेशानी अभी तक दूर नहीं हुई है. कर्मी ने आरोप लगाया है कि उसका काम कराने के लिए अधिकारियों ने 50 हजार रुपये घूस भी लिया है, लेकिन उसके पेंशन का काम आज तक पूरा नहीं हुआ है.
क्या है पूरा मामला?
जन सुनवाई में परेशान सेवा निवृत्त सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी विजय सिंह पंवार काफी एग्रेसिव हो गए. भ्रष्ट सिस्टम की गाथा उन्होंने खुलकर कलेक्टर के सामने सुनाई. विजय सिंह पंवार अधिवार्षिकी आयु पूरी कर फरवरी 2025 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं. लेकिन, आज तक उन्हें न तो पेंशन शुरू हुई है और न ही उनके अन्य वित्तीय अधिकारों का भुगतान किया गया है.
विजयसिंह ने लगाए ये आरोप
विजयसिंह पंवार ने बताया कि उन्होंने अगस्त 2024 से ही लगातार अपने पेंशन प्रकरण, जीपीएफ पासबुक, ग्रैच्युटी, बीमा राशि और पीपीओ के लिए आवेदन करना शुरू कर दिया था. उन्होंने कई बार लिखित और मौखिक रूप से संबंधित विभागों से गुहार लगाई, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनका प्रकरण आज भी अधर में लटका हुआ है.
संबंधित विभाग ने नहीं किया काम
सेवा काल के दौरान 38 वर्षों की नौकरी में उन्हें सिर्फ पहला समयमान वेतनमान ही मिला, जबकि द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ उन्हें नहीं दिया गया. पेंशन प्रकरण अटका होने का कारण यह बताया जा रहा है कि संबंधित विभाग ने उनके दस्तावेज़ों की पूर्ति नहीं की है. जिला कोषालय धार से प्राप्त जानकारी के अनुसार,
- प्रथम नियुक्ति और रिटायरमेंट आदेश की प्रतियाँ गायब हैं.
- पदोन्नति आदेश और वेतनमान की प्रतियाँ नहीं सौंपी गई हैं.
- सेवा सत्यापन व नामिनी प्रविष्टियाँ अधूरी हैं.
- तहसीलदार महोदय से हस्ताक्षरित सेवा निवृत्ति आदेश भी जमा नहीं किया गया है.
- GPF कटौती संबंधी जानकारी भी सेवा पुस्तिका में नहीं जोड़ी गई है.
ये भी पढ़ें :- Tigress Death: नहीं रही Panna Tiger Reserve की करिश्माई बाघिन टी-2, इसी की नस्ल से गुलजार है अभयारण्य
'रिश्वत के बाद भी काम नहीं'
विजय सिंह पंवार ने अपनी बात बताते हुए कहा, 'बार-बार चक्कर लगाने के बावजूद मुझे न तो मेरी पेंशन मिल रही है और न ही जीपीएफ और ग्रैच्युटी की राशि, जबकि इसके लिए मैंने अब तक करीब 50 हजार रुपये की रिश्वत भी बांट दी है. इसके बावजूद भी 50 हजार रुपये की और मांग की जा रही है.' मामले को लेकर कलेक्टर से जनसुनवाई में शिकायत की गई है. जांच और कार्रवाई करने की बात कही गई है.
ये भी पढ़ें :- Farmers Protest: जमीन अधिग्रहण कर भूल गया पावर ग्रिड, न मुआवजा मिला न नौकरी... परिक्रमा कर किसानों ने मांगी इच्छा मृत्यु