
Panna Tiger Reserve Latest News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पन्ना जिले में स्थित टाइगर रिजर्व को आबाद करने वाली करिश्माई बाघिन टी-2 नहीं रही. इस बाघिन को "मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व" कहा जाता था. इसका शव 28 मई को उत्तर वन मंडल के अमरझाला बीट में मिला था. तब इसकी पहचान नहीं हो पाई थी, लेकिन अब प्रबंधन ने रिकार्ड के माध्यम से इसकी पहचान टी-2 के रूप में की है. वही टी-2 बाघिन, जिसने पन्ना रिजर्व को बाघों से गुलजार कर दिया...

पन्ना टाइगर रिजर्व में हुई बाघिन टी-2 की मौत
बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत पन्ना आई थी टी-2
साल 2008 में पन्ना टाइगर रिजर्व से बाघों के विलुप्त हो जाने के बाद बाघ पुनर्स्थापना योजना वर्ष 2009 में शुरू की गई. इसके अन्तर्गत पहले बाघ के रूप में बाघिन टी-01 बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 04 मार्च 2009 को लाई गई. इसी क्रम में 09 मार्च 2009 को बाघिन टी-02 कान्हा टाइगर रिजर्व से एयर फोर्स के विमान द्वारा पीटीआर में लाई गई थी. बाघिन टी-02 को सॉफ्ट रिलीज करने के लिए दो से तीन दिन बड़गड़ी में स्थित बाघ बाड़ा में रखा गया. इसके बाद बाघिन टी-02 को स्वच्छंद विचरण करने के लिए छोड़ दिया गया था.
85 संतान थी बाघिन टी-2 की
बाघिन टी-2 ने पेंच टाइगर रिजर्व से लाये गये नर बाघ टी-3 के साथ प्रजनन कर सात लिटर में 21 संतानों को जन्म दिया. बाघिन की चार पीढ़ीयों से कुल 85 संताने हैं. अपने पूरे जीवनकाल में बाघिन टी-02 का मूवमेंट पन्ना टाइगर रिजर्व अन्तर्गत परिक्षेत्र हिनौता, गहरीघाट, पन्ना कोर, मड़ला, पन्ना (गंगऊ) अभ्यारण्य और उत्तर वनमण्डल पन्ना के देवेन्द्रनगर वन परिक्षेत्र में रहा.
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इन रिजर्वों में घूम रहे टी-2 के शावक
इस करिश्माई बाघिन के शावक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व, रानीपुर वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी, चित्रकूट के जंगल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, सतना फॉरेस्ट डिवीजन, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, संजय टाइगर रिजर्व-सीधी, माधव नेशनल पार्क - शिवपुरी और पन्ना लैंडस्कैप में स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं. फील्ड डायरेक्टर ने बताया कि बाघिन टी-02 ने लगभग 19 साल की आयु पूर्ण की, जो किसी भी फ्री रेन्जिंग बाघों की अधिकतम आयु में से एक है.
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