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Buldozer Action: किसानों  की फसलों पर बुलडोजर चलाकर फंसा प्रशासन, कांग्रेसियों ने किसानों संग दागे ऐसे-ऐसे सवाल

Buldozer Action on Corp: किसानों के घरों और फसलों पर बुलडोजर चलाने के खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव यादवेंद्र सिंह रविवार को किसानों के खेतों और टूटे घरों पर पहुंचे थे. इसके बाद सोमवार को यादवेंद्र सिंह यादव और अशोकनगर विधायक हरि बाबू राय के साथ कांग्रेसियों ने किसानों के साथ जाकर कलेक्ट्रेट में कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन देकर कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए, जिसका जवाब देना मुश्किल हो रहा है. 

Buldozer Action: किसानों  की फसलों पर बुलडोजर चलाकर फंसा प्रशासन, कांग्रेसियों ने किसानों संग दागे ऐसे-ऐसे सवाल

Buldozer Action on What Corpin Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के अशोकनगर (Ashok Nagar) में अतिक्रमण के नाम पर किसानों की फसलों पर बुलडोजर चलाने (Buldozer action on Farmer Crop) की कार्रवाई ने तूल पकड़ लिया है. इसके विरोध में सोमवार को कांग्रेसियों (Congress) ने किसानों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन दिया.

दरअसल, बीते शुक्रवार को अशोकनगर जिले के करीला में रंगपंचमी पर लगने वाले मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने कानीखेड़ी में कुछ किसानों के मकान तोड़ दिए. वहीं, कई किसानों की लहलहाती फसलों पर भी बुलडोजर चलवा दिया. वहीं, इसके खिलाफ आवाज बुलंद होने पर अचानक से कार्रवाई को रोक दिया गया. इसके बाद किसानों ने इस कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए थे, जिसके बाद कांग्रेस इस मामले में आक्रामक आक्रामक हो गई है.

इसी कड़ी में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव यादवेंद्र सिंह रविवार को किसानों के खेतों और टूटे घरों पर पहुंचे थे. इसके बाद सोमवार को यादवेंद्र सिंह यादव और अशोकनगर विधायक हरि बाबू राय के साथ कांग्रेसियों ने किसानों के साथ जाकर कलेक्ट्रेट में कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन देकर कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए.

कांग्रेस पूछ रही है इन सवालों के जवाब

  • फसलों पर ऐसे वक्त में बुलडोजर चलाया गया, जब किसानों की पकी हुई फसल कटने का इंतजार कर रही थी, जो कि लगभग 1 सप्ताह में कट जाती.
  • जब किसानों की ओर से फसल की बुआई की जा रही थी, तब प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
  • जब यह वन भूमि थी, तो उस पर प्रधानमंत्री आवास कैसे स्वीकृत हो गए?
  • प्रशासन की ओर से आवासों को हटाने के लिए नोटिस दो माह पूर्व क्यों नहीं दिए गए?
  • जिस वन भूमि पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई है. वह जमीन पर किसान लगभग 40 वर्षों से निवास करने के साथ ही खेती कर रहे हैं. तब से कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
  • प्रशासन की ओर से नोटिस केवल आवासों के दिए गए, जबकि फसलों के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया.

नुकसान की भरपाई करने की मांग

वहीं, कांग्रेसियों ने इस कार्रवाई के बाद पीड़ित किसानों को राहत देने की मांग करते हुए कहा कि  पीड़ित किसानों की जो फसल बर्बाद की गई है, उसके एवज में पीड़ित किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही पीड़ित किसानों के जो घर तोड़े गए हैं, उन बेघर किसानों को प्रधानमंत्री आवास तत्काल दिए जाएं. पीडित भूमिहीन किसानों को चिन्हित करके कम से कम एक हेक्टेयर भूमि का पट्टा दिया जाए. इसके अलावा, पीड़ित परिवारों को एक वर्ष तक परिवार के सदस्यों का जीवन यापन करने के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की जाए.

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इन मांगों के साथ कांग्रेसियों ने प्रशासन को सात दिनों का समय दिया, और कहा कि यदि किसानों को राहत नहीं दी गई, तो उग्र आंदोलन की जाएगी. 

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