
मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में बच्चों की जान जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. खांसी की दवा 'कोल्ड्रिफ' (Coldrif) पीने से छिंदवाड़ा के बाद अब बैतूल में भी दो बच्चों की मौत की खबर सामने आई है. इन दोनों की भी सिरप पीने के बाद किडनी फेल हो गई थी.
पूरे मामले में अब तक प्रदेश के 14 बच्चों की जान चली गई है. वहीं, जबलपुर से कफ सिरप भेजने वाली फर्म की दुकान और गोदाम सील करने के साथ ही प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया है. इस नई घटना के बाद प्रदेशभर में हड़कंप मच गया है और प्रशासन ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है.
जानकारी के अनुसार, बैतूल में जिन दो बच्चों की मौत हुई, उनका इलाज स्थानीय चिकित्सक डॉ. प्रवीन सोनी के यहां चल रहा था. इलाज के दौरान दोनों को कोल्ड्रिफ सिरप दी गई थी. सिरप पीने के कुछ दिनों बाद दोनों की तबीयत अचानक बिगड़ गई और किडनी फेल होने से उनकी मौत हो गई. यह वही सिरप है जिससे पहले मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत हुई थी और आठ अन्य बच्चे अब भी नागपुर के अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
छिंदवाड़ा के एडीएम धीरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि पहुंचा दी है. वहीं, पूरे मामले की गहराई से जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की गई है, जो अब तमिलनाडु रवाना हो रही है, क्योंकि
दवाई की खेप चेन्नई से जबलपुर होते हुए छिंदवाड़ा पहुंची थी. SIT दवा की सप्लाई चेन और निर्माण प्रक्रिया की जांच करेगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जहरीली सिरप की जिम्मेदारी आखिर किसकी है.
जबलपुर में दुकान व गोदाम सील
इस बीच जबलपुर में प्रशासन ने कोल्ड्रिफ सिरप के डिस्ट्रीब्यूटर कातारिया फार्मास्युटिकल्स के गोदाम को सील कर दिया है. नायब तहसीलदार आदर्श जैन ने बताया कि यह वही जगह है जहां से खांसी की सिरप की खेप प्रदेश के कई हिस्सों में सप्लाई की गई थी. ड्रग इंस्पेक्टर प्रवीन पटेल के अनुसार, सिरप के सैंपल जांच में “सबस्टैंडर्ड” यानी मानक से नीचे पाए गए हैं. इसी आधार पर कार्रवाई तेज की गई है और दवा का पूरा स्टॉक फ्रीज़ कर दिया गया है.
कोल्ड्रिफ ब्रांड की दवा की जा रही जब्त
स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि कोल्ड्रिफ ब्रांड की कोई भी दवा यदि स्टॉक में है तो तुरंत जब्त की जाए और उसकी सैंपलिंग की जाए. विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों में इस तरह की मौतें दवा निर्माण में भारी लापरवाही की ओर इशारा करती हैं. प्रशासन अब तमिलनाडु की उस फैक्ट्री की भी जांच करने जा रहा है जहां यह सिरप तैयार की गई थी.
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