
CM Helpline Dial 181: देश और मध्य प्रदेश में पिछले 9 दिनों से शक्ति पर्व की धूम रही है. चारों तरफ शक्ति उपासना का त्योहार मनाया जा रहा था, लेकिन मातृशक्ति कहीं ना कहीं अत्याचार भी झेल रही थी. अगर मध्य प्रदेश के आंकड़ों की बात की जाए तो इन नौ दिनों में मातृशक्ति के खिलाफ प्रदेश में अत्याचार की 180 घटनाएं सामने आई, जिसमें से 148 मामलों में बच्चियों या महिलाओं के गुम होने की घटनाएं शामिल थीं. प्रदेश में महिला सुरक्षा से जुड़ी यह कड़वी हकीकत सामने आई. वहीं यह भी सामने आया कि कई जगह सुनवाई नहीं होने के चलते महिलाओं को सीएम हेल्पलाइन का सहारा लेना पड़ा. सीएम हेल्पलाइन के आंकड़े बताते हैं कि 16.82% शिकायतों का निराकरण किया गया फिर भी यह तस्वीर बताती है कि उत्सव और उल्लास के बीच प्रदेश की कुछ माता बहने सुरक्षा लिहाज से असुरक्षित महसूस करती देखी गई. सीएम हेल्पलाइन से मिली जानकारी यह बताती है कि एक-एक शिकायत जो इस दौरान इस विभाग को मिली उन्हें L2 लेवल के अधिकारियों के पास कार्रवाई के लिए ट्रांसफर किया गया है.
महिला सुरक्षा को लेकर नर्मदापुरम, मुरैना और देवास में सबसे ज्यादा मामले
सीएम हेल्पलाइन सेवा, इसे मध्य प्रदेश में डायल 181 के नाम से जाता है. बीते नवरात्रि के नौ दिनों में महिलाओं पर अत्याचार, प्रताड़ना और घरेलू हिंसा से जुड़ी 180 शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें सबसे ज्यादा मुरैना में 8 नर्मदापुरम और देवास से 6-6 दमोह, रायसेन और शाजापुर से पांच-पांच शिकायतें मिलीं. शिवपुरी, सागर, छतरपुर और उज्जैन से चार-चार शिकायत दर्ज की गईं, जबकि गुना, राजगढ़, सीहोर, खरगोन मऊगंज से तीन-तीन शिकायतें जानकारी में आईं.
लेकिन सवाल 9 दिन नवरात्रि पर्व का है, जहां एक तरफ मातृशक्ति की पूजा हो रही है और वहीं महिलाएं अपने खिलाफ अत्याचार की शिकायत भी दर्ज करवा रही हैं और सुनवाई के लिए उन्हें मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन योजना पर डायल 181 का सहारा भी लेना पड़ रहा है.
महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े मामलों को नहीं सुनने के आरोप में घिरे धार और सागर
जानकारी यह भी मिली है कि सीएम हेल्पलाइन में महिला और बच्चियों के गुम होने पर FIR दर्ज नहीं करने जैसी शिकायतें भी हैं. इनकी संख्या तकरीबन 148 है. आंकड़ों पर अगर हम गौर करें तो सबसे ज्यादा धार जिले से 9 मामले सामने आए, मुरैना और सागर के साथ मंदसौर में पांच-पांच शिकायत इस तरह की सामने आई, जहां महिलाओं को अपनी सुनवाई नहीं होने के कारण सीएम हेल्पलाइन का दरवाजा खटखटाना पड़ा. मामला यहीं नहीं रुकता विदिशा, टीकमगढ़, रायसेन, नर्मदापुरम और छतरपुर से चार-चार इस तरह के मामले सामने आए, भिंड और बैतूल से तीन-तीन मऊगंज और श्योपुर से 2-2 जबकि हरदा से दो शिकायत सामने आईं. दतिया, निवाड़ी, खंडवा, आगर मालवा, उमरिया और बुरहानपुर जिले से भी इस तरह की शिकायतें सामने आई हैं.
शिकायतों के निपटान में फिसड्डी रहा महिला एवं बाल विकास विभाग
महिला और बच्चियों से जुड़े मामलों के जिम्मेदार विभाग की बात करें तो यह जानकारी सामने आयी है कि महिला और बच्चियों से जुड़े मामलों का जिम्मेदार विभाग ही शिकायतों के निपटारे में पिछड़ा साबित हो रहा है. सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज की गई इस विभाग की शिकायतों का निराकरण सितंबर माह में D कैटेगरी में दर्ज किया गया. आंकड़े बताते हैं कि कुल 6052 शिकायत के सामने आई जिनमें से 9.95 शिकायतें अटेंड ही नहीं की गई. जबकि 9.47 प्रतिशत शिकायत बिना संतुष्टि के बंद कर दी गई. एक जानकारी में यह भी सामने आया है कि मध्य प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें शिवपुरी जिले से सामने आई हैं, जहां 330 मामले दर्ज किए गए हैं. मध्य प्रदेश के भिंड से 261, दतिया से 248 सागर से 222 मुरैना से 213 और विदिशा से 211 शिकायततें पेंडिंग हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
शिवपुरी के जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी DS जादौन कहते हैं कि "यह सही है कि शिवपुरी जिले में 330 शिकायतें पेंडिंग है, लेकिन कुछ शिकायतो के निपटान के लिए समय लगता है और जैसे-जैसे शिकायते सामने आती हैं, उन्हें बेहतर निपटान के लिए कार्रवाई मे लिया जाता है. हमारा विभाग हर शिकायत को पूरी गंभीरता के साथ लेता है, जो शिकायतें पेंडिंग हैं, उन पर भी तेजी से काम किया जा रहा है और जल्द उनका निराकरण किया जाएगा."
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