MP News In Hindi: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में 30 सितम्बर तक वर्षा की संभावना है. अति वर्षा और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अधिकारी-कर्मचारी छुट्टी पर नहीं जाएं. अतिवर्षा के बावजूद भी जनजीवन सामान्य रहे, इसके लिए समय रहते आवश्यक सावधानियां बरतते हुए बचाव के कार्य किए जाएं. लोगों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, जनहानि के लिए संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा. अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों को सुरक्षा व सुविधा प्रदान करने के लिए राहत शिविर लगाएं और इसमें सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी सहयोग लिया जाएं.
राहत के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध
"प्रत्येक परिस्थिति में नागरिकों के साथ खड़ी है मध्यप्रदेश सरकार"
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) September 12, 2024
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज निवास स्थित समत्व भवन में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर में अतिवृष्टि से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए संचालित रेस्क्यू सहित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा… pic.twitter.com/dxMDczeGVs
बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का आंकलन और पशु हानि की जानकारी भी यथाशीघ्र लेना आरंभ किया जाए. राहत राशि के वितरण में विलंब न हो, बाढ़ और अतिवृष्टि से पीड़ितों को राहत के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है. राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, दवाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित हो. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में अति वर्षा से निर्मित स्थिति और बचाव के लिए समस्त भवन में ली गई आपात बैठक में उक्त निर्देश दिए. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिलों की स्थिति की समीक्षा की. वी.सी. में समस्त संभागीय आयुक्त, आईजी, कमिश्नर ऑफ पुलिस, जिला कलेक्टर, एसपी जुडें.
इन्हें समय रहते सतर्क किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि वर्षा का चक्र बदलने के कारण सितंबर माह में जितनी वर्ष होनी चाहिए उससे अधिक हो रही है. निचली बस्तियों में रहने वालों को समय रहते सतर्क किया जाए और आवश्यकता अनुसार उन्हें राहत शिविरों में शिफ्ट किया जाए. उन्होंने कहा कि जिन रपटों और पुलों पर पानी है, वहाँ तत्काल आवश्यक सावधानी व सतर्कता बढ़ाई जाए. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अति वर्षा के प्रभाव से हुई जनहानि और पशु हानि की स्थिति में राहत उपलब्ध कराई जाए.
एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जहां पर भी बाढ़ के पानी में लोग फंसे हैं उन्हें हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करने की तत्काल व्यवस्था की जाए. पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों को चिन्हित कर सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाए और आवश्यकता होने पर निवासियों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए. समत्व भवन में हुई बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना सहित, प्रमुख सचिव, जल संसाधन, गृह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा उपस्थित थे.
ये टीम बचाव कार्य में सक्रिय
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गुना, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, राजगढ़, टीकमगढ़ के कलेक्टर से जिले में अति वर्षा और बाढ़ संबंधी जानकारी प्राप्त की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अवगत कराया गया कि दतिया जिले के भांडेर के निकट पहुँच नदी में 18 लोग फंसे हैं, डबरा में भी लोगों के पानी में फंसे होने की सूचना है. मुरैना में पेड़ के नीचे दबने से एक व्यक्ति की मृत्यु और तीन लोगों के घायल होने का समाचार है. बैठक में बताया गया कि बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने के लिए झांसी, बरेली और गोरखपुर से हेलीकॉप्टरों को रवाना किया जा रहा है. टीकमगढ़ में बचाव व राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम बुला ली गई है.
अब तक प्रदेश में औसत से 14 प्रतिशत अधिक हुई वर्षा
बैठक में बताया कि प्रदेश में 11 सितम्बर तक 991.9 मिली मीटर वर्षा हो चुकी है यह औसत से 14 प्रतिशत अधिक है. प्रदेश के 12 जिलों राजगढ़, खरगोन, भोपाल, सिवनी, मंडला, भिंड, श्योपुर, छिंदवाड़ा, बड़वानी, शिवपुरी, सिंगरौली, नीमच, अलीराजपुर, ग्वालियर और गुना में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है. आगामी 2 दिनों में भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून सक्रिय रहने का अनुमान है. इसके बाद वर्षा में कमी की संभावना है. मौसम विभाग द्वारा भिंड, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर कला, आगर-मालवा, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, निवाड़ी और राजगढ़ में भारी वर्षा का पूर्वानुमान जारी किया गया है. वर्तमान में प्रदेश के 54 में से 31 बांधों के गेट खुले हैं. विभिन्न जिलों में राहत शिविर संचालित हैं.
ये भी पढ़ें- Indore Rape Case: कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कहा- MP में सेना के जवान सुरक्षित नहीं, लूट-गैंगरेप जंगलराज
सावधानी बनाए रखने के निर्देश
बैठक में नदियों, बांधों और जलाशयों के जल स्तर पर लगातार नजर रखने, बचाव के लिए आवश्यक सामग्री, राहत शिविरों की उचित व्यवस्था, जिन शालाओं के भवन जीर्ण-शीर्ण हैं, उन्हें चिन्हित करते हुए बच्चों की पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने, गणेश पंडालों तथा अन्य सामाजिक, धार्मिक और भीड़ भरे आयोजनों में इलेक्ट्रिक सेफ्टी सुनिश्चित करने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता, पर्याप्त दवाओं की आपूर्ति बनाए रखने के भी निर्देश दिए गए. आगामी दिनों में भी वर्षा की संभावना को देखते हुए अनंत चतुर्दशी पर विसर्जन स्थलों पर प्रकाश, नाव, गोताखोरों, चिकित्सा दल, साफ-सफाई, बचाव दल की व्यवस्था करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने के लिए भी जिले के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया.
ये भी पढ़ें- Good News: अब और भी बेहतर होंगे एमपी के 63 एकलव्य स्कूल, मिल गए 100 करोड़ रुपये