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मिड-डे मील का मैन्यू हुआ भूली बिसरी बात! बच्चे धो रहे जूठी थालियां, चिंता में डाल देगा सरकारी स्कूलों का हाल

मामले में स्कूल टीचर रामकिशन चौबे का कहना है कि सरकार बच्चों के लिए इतने पैसे दे रही है. इनको साफ-स्वच्छ भोजन मिलना चाहिए. ये बच्चे थालियां इसलिए धो रहे हैं क्योंकि बर्तन धोने वाली महिलाओं को समय पर वेतन नहीं दिया गया इसलिए वे अब नहीं आती हैं.

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मिड-डे मील का मैन्यू हुआ भूली बिसरी बात! बच्चे धो रहे जूठी थालियां, चिंता में डाल देगा सरकारी स्कूलों का हाल
पन्ना के सरकारी स्कूल में बच्चों से धुलवाई जा रहीं जूठी प्लेटें

Panna News : पन्ना (Panna) के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला बिलाही और गुमानगंज में बच्चों को मैन्यू (Menu) के अनुसार खाना नहीं दिया जा रहा है. उल्टा उनसे थालियां धुलवाई जा रही हैं. यह पूरा मामला अजयगढ़ तहसील के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला बिलाही और गुमानगंज का है जहां स्कूल के बच्चों ने बताया कि हम लोगों को मैन्यू के अनुसार खाना नहीं दिया जाता है और हमसे जूठी थालियां धुलवाई जाती हैं.

समूह संचालक मनमानी पर उतारू हैं. स्कूल के बच्चों ने बताया कि हम लोगों को दो रोटी और सब्जी प्रतिदिन दी जाती है. सप्ताह में मैन्यू के अनुसार कभी भी खाना नहीं बनता है. स्कूल के शिक्षक ने बताया कि हम लोग कई बार समूह संचालक को लिखित में आवेदन दे चुके हैं लेकिन समूह संचालक इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं. शनिवार को पत्रकार जब प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला गुमानगंज और बिलाही पहुंचे तो बच्चों को मात्र रोटी और सब्जी दी जा रही थी. मैन्यू के अनुसार बच्चों को पराठे के साथ मिक्स दाल और हरी सब्जी मिलनी थी. 

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बच्चों से धुलवाई जा रहीं जूठी थालियां

गुमानगंज में 1 से 5वीं तक 171 बच्चे हैं जबकि 6 से 8वीं तक 139 बच्चे दर्ज हैं. खाने के बाद बच्चों से जूठी थालियां धुलवाई जाती हैं जबकि शासन के नियमानुसार विद्यालय में बच्चों की जूठी थालियां धोने की जिम्मेदारी समूह संचालक की है. ऐसे में एमडीएम प्रभारी की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें स्कूल में टीचर सोते भी नजर आ चुके हैं. गांवों में ऐसे हालात हैं कि टीचर कई-कई दिन तक स्कूल ही नहीं आते.  

बर्तन धोने वाली महिलाओं को नहीं मिला वेतन

मामले में स्कूल टीचर रामकिशन चौबे का कहना है कि सरकार बच्चों के लिए इतने पैसे दे रही है. इनको साफ-स्वच्छ भोजन मिलना चाहिए. मैन्यू के हिसाब से बद्रीप्रसाद समूह चलाते हैं. हम समूह का नाम नहीं बता सकते. ये बच्चे थालियां इसलिए धो रहे हैं क्योंकि बर्तन धोने वाली महिलाओं को समय पर वेतन नहीं दिया गया इसलिए वे अब नहीं आती हैं.

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'गलत पाए जाने पर समूह को निकाल देंगे'

अजयगढ़ सीईओ सतीश सिंह नागवंशी ने कहा, 'हमें आज आपके माध्यम से इस बारे में पता चला कि बच्चों को समूह की ओर से सही खाना नहीं दिया जा रहा है. हम इसकी जांच करते हैं. जो समूह शामिल हैं गलत पाए जाने पर उन्हें निकाल देंगे और थाली धोने वाली बात पर भी कार्रवाई करेंगे क्योंकि सरकार बच्चों के लिए इतना पैसा खर्च कर रही है. उन्हें इसका लाभ मिलना जरूरी है.'

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