
CM Rise School: सीएम राइज स्कूल में दाखिले के लिए शिक्षा विभाग द्वारा बदले नियम से छात्र और अभिभावक परेशान है. नए नियम के तहत अब उन्हीं बच्चों को स्कूल में दाखिला होगा, जो बच्चे स्कूल से एक निश्चित दूरी पर निवास करते हैं. जी हां. शिक्षकों को निर्देश है वो नए बच्चों को दाखिला देने से पहले बच्चों की घर की दूरी माप लें.
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शासकीय स्कूलों में पढ़ने बच्चों को सीएम राइज स्कल दाखिले में मिलेगी वरीयता
रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग की नई गाइडलाइन के अनुसार सीएम राइस स्कूल में एडमिशन पहले उन बच्चों का होगा, जो किसी शासकीय स्कूल में पढ़ाई कर रहा होगा, उसके बाद स्कूल से मानक दूरी पर रहने वाले बच्चों को दाखिला दिया जाएगा. यह कार्य टीचर को सौंपा गया है कि वह दाखिला लेने वाले बच्चों के घर और स्कूल की दूरी नापे.
बड़ा सवाल, उन बसों का क्या होगा, जो सीएम राइज स्कूल के लिए खरीदी गई हैं?
बड़ा सवाल है कि एडमिशन देने वाला कैसे निश्चित करेगा, बच्चा कितनी दूर रहता है, दूर रहने वाला लड़का अगर स्कूल के आसपास किराए का मकान ले लेगा, या किरायानामा बनवा लेगा, तो स्कूल को उस बच्चों को एडमिशन देना ही पड़ेगा. इससे बड़ा सवाल यह है कि फिर उन बसों का क्या होगा, जो सीएम राइज स्कूल के लिए खरीदी गई हैं.
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सीएम राइज स्कूल में दाखिल के लिए गढ़े गए नए नियम ने चकित हैं अभिभावक
रीवा में 53 करोड़ की लागत से बन रहे सीएम राइज स्कूल की बिल्डिंग में तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं. जो दूसरे स्कूल मे नही है. ऐसे में हर छात्र और उनके अभिभावक चाहते है कि उनके बच्चे भी सीएम राइज स्कूल में दाखिला लें, लेकिन मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल में दाखिल के लिए गढ़े गए नए नियम ने सबको चकित कर दिया है.
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