MP News In Hindi : साबह कब तक हमारे घर के चिराग बुझते रहेंगे ? बच्चे और ग्रामीण कब तक इन खदानों का शिकार बनते रहेंगे. इन खदानों पर सुरक्षा के इंतजाम क्यों नहीं किए जाते. काफी गहराई तक खनने के बाद यहां खदानों को खुला छोड़ दिया जाता है. सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए जाते हैं. आए दिन खदानों में गिरने के मामले बढ़ते जा रहे हैं, पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ये कहना ग्रामीणों का है. दरअसल छतरपुर में खुली हुई खदानों का मामला एक दम उस वक्त चर्चा में आ गया, जब गुरुवार को एक 16 साल के किशोर की खदान में गिरने की वजह से मौत हो गई.
क्यों नहीं की गई तार फेंसिंग ?
छतरपुर जिले की सबसे बड़ी क्रेशर मंडी प्रकाश बम्हौरी थाना क्षेत्र पत्थर खदान खसरा क्र 2304 है. ये सालों से खुली पड़ी है, जिसकी वजह से बारिश का पानी एकत्र होने से ये और ज्यादा खतरनाक हो गई. आए दिन आस-पास के बच्चे-किसान अपने खेत की ओर जाते वक्त फिसलने से खदान पर गिर रहे हैं. आशीष भी खेत जा रहा था. तभी फिसल कर खदान में गिर गया. हालांकि, स्थानीय लोगों ने किशोर को उत्तर प्रदेश के महोबा जिला में भर्ती करवाया. लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.पत्थर खदानों में तार फेंसिंग न होने के कारण ये हादसा हुआ है. घटना के बाद मृतक किशोर के घर के बाहर बड़ी संख्या में परिजनों की भीड़ जुट गई. सबका रो-रोकर बुरा हाल है.
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जांच के बाद होगा एक्शन- एडिशनल एसपी
इस मामले पर छतरपुर एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने कहा है कि इसकी पूरी तरह जांच की जाएगी. जांच में जो भी तत्व आएंगे उसे पर कार्रवाई की जाएगी.
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