CG Anti Naxal Operation : छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर लड़ रहे जवानों ने एक बार फिर माओवादियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है. दरअसल बस्तर के सभी नक्सल प्रभावित इलाकों में माओवादियों को बैकफुट पर ढकेलने के लिए लगातार ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं. इसीक्रम में गुरुवार को मुतवेंडी गांव में स्थित सुरक्षाबलों के कैंप से जवानों की संयुक्त टीम जिसमें डीआरजी,कोबरा 202 और सीआरपीएफ 85 बटालियन के जवान शामिल हैं, उन्हें पीडिया के रास्ते की ओर सर्चिंग पर रवाना किया गया था. इस इलाके में जवानों द्वारा लगातार माओवादियों पर प्रहार किया जा रहा है, जिससे बौखलाए माओवादियों ने जवानों के रास्ते पर स्पाइक और आईईडी बम प्लांट कर रखा था.
लगातार सतर्कता बरती जा रही
सर्चिंग के दौरान जवानों द्वारा लगातार सतर्कता बरती जा रही है, जिससे उन्होंने माओवादियों द्वारा लगाए गए स्पाइक और आईईडी बम को डिटेक्ट कर लिया. बम डिटेक्ट कर जवानों की टीम में शामिल बम निरोधी विशेष दस्ते ने आईईडी बम को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाल कर उसे जंगलों में ही विस्फोट कर निष्क्रिय कर दिया. घटना के बाद अभी भी जवान आसपास के इलाकों में सघनता से सर्चिंग कर रहे हैं.
माओवादियों का सबसे ये खतरनाक हथियार
बस्तर में चार दशक से कब्जा जमाए माओवादियों ने सुरक्षाबालों से लड़ने के लिए हमेशा नए पैंतरे व हथियार विकसित किए. पर सभी हथियारों में आईईडी बम और स्पाइक आज भी सबसे ज्यादा खतरनाक हथियार माना जाता है. इन हथियारों के उपयोग से माओवादियों ने आज जवानों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. जब माओवादी जवानों से आमने सामने की लड़ाई नहीं लड़ पाते हैं तो इसी तरह के हथियारों का उपयोग कर उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं.
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जवान ही नहीं ग्रामीण भी बनते हैं निशाना
बस्तर में यूं तो माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच ही मुठभेड़ होती है, पर माओवादियों द्वारा लगाए गए इस तरह के आईईडी बम और स्पाइक की चपेट में आकर कई बार निर्दोष ग्रामीणों को भी अपनी जान गवानी पड़ती है. केवल बीजापुर जिले की ही यदि बात की जाए तो जनवरी से अब तक माओवादियों के लगाए आईईडी बम की चपेट में आकर 5 निर्दोष ग्रामीणों की मौत हो चुकी है और 4 ग्रामीण इतने गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं कि अब यह दर्द उन्हें जीवन भर भोगना होगा.
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