छतरपुर मौसम में बदलाव होने से किसान चिंतित हैं. रात घना कोहरा छाया रहा. कोहरे की वजह से जहां वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई. वहीं, फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है. आलू, सरसों व अरहर की फसल को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि अब तक कहीं भी बिगड़े मौसम से फसलों को नुकसान होने की जानकारी नहीं आई है. लेकिन पाला पड़ने से फसलों पर इसके असर दिखने लगे हैं. कृषि विज्ञानियों के मुताबिक गिरते तापमान और कोहरे, पाले का असर रबी की फसलों पर खराब असर पड़ता है. इन दिनों मौसम को लेकर किसान चिंतित हैं. घने कोहरे के बाद पाला पड़ने की संभावना है.अगर ऐसे ही पारा गिरता रहा तो इसका सबसे ज्यादा असर रबी सीजन की दलहनी फसलों के साथ ही आलू पर पड़ेगा.
पाला पड़ने से फसलें हो रही खराब
तापमान कम होने से मटर, चना और आलू की फसलों पर पाला रोग का खतरा बना हुआ है. इससे बचाव के लिए किसान गंधक के तेजाब का छिड़काव कर सकते है. इससे फसल के आसपास के वातावरण का तापमान बढ़ जाता है. सरसों की फसल पर भी कोहरे का असर पड़ सकता है. घने कोहरे और पाले के दौरान आलू की फसल के अलावा सरसों की फसल को भी नुकसान होता है. जबकि गेहूं पर इसका कोई असर नहीं होता. सरसों की फसल का फूल इस कोहरे और पाले में नष्ट हो जाता है. कृषि विज्ञानियों ने बताया कि कोहरे और पाले से सरसों की फसल बचाने के लिए खेत के पास धुआं करना चाहिए. इससे ठंड का असर कम होता है और फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है. ठंड का असर सरसों की फसल पर कम होता है.इस कोहरे और पाले से गेहूं की फसल को लाभ होता है. इस मौसम में गेहूं की फसल को नमी मिलती है.
गलन भरी ठंड बढ़ने से लोग हुए बेहाल
कोहरे के बाद सोमवार को गलन भरी ठंड बढ़ गई.इससे आम जनजीवन व्यस्त होने लगा है. शाम से रात भर कोहरा छाया रहा.इससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है.शाम-सुबह गलन अधिक होने के कारण लोग घरों में ही दुबके रहे. वहीं सोमवार को सुर्य देव के दर्शन भी नहीं हुए. ठंड अधिक होने की वजह से जरूरतमंद लोग ही घर से बाहर निकले. इसकी वजह से सड़कों पर सन्नााटा पसरा रहा. दोपहर बाद ठंड कुछ कम हुई तो गर्म कपड़े पहनने के बाद लोग घर से निकले. ठंड व कोहरा के कारण बाजार में भी असर पड़ा है. अभी जहां सुबह से ही भीड़ देखने को मिल रही है थी. वही दोपहर बाद लोग खरीदारी के लिए घर से नहीं निकल रहे हैं.