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चेतकपुरी रोड घोटाला: पहली बारिश में धंसी करोड़ों की सड़क, जांच में निकली ठेकेदार-अधिकारियों की मिलीभगत

Gwalior News: रिपोर्ट में सामने आया कि निगम अधिकारियों ने इन गड़बड़ियों की अनदेखी करते हुए भुगतान जारी किया. नतीजा यह रहा कि करोड़ों रुपये की लागत से बनी सड़क महज़ कुछ महीनों में पहली बारिश में 8 जगह धंस गई.

चेतकपुरी रोड घोटाला: पहली बारिश में धंसी करोड़ों की सड़क, जांच में निकली ठेकेदार-अधिकारियों की मिलीभगत

MP NEWS: ग्वालियर की बहुचर्चित चेतकपुरी रोड को लेकर कलेक्टर द्वारा गठित तकनीकी जांच समिति की रिपोर्ट सामने आ गई है, और इसके निष्कर्ष चौंकाने वाले हैं. रिपोर्ट में साफ बताया गया है कि सड़क निर्माण में भारी लापरवाही, तकनीकी अनियमितता और ठेकेदारों की मनमानी की गई. वहीं नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने सब कुछ जानते हुए भी आंख मूंद ली और भुगतान जारी करते रहे.

रिपोर्ट के मुताबिक सड़क निर्माण के लिए तय मानकों को ताक पर रखकर काम किया गया. करीब 2 मीटर गहराई में स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज पाइप डालने के बाद ठेकेदार जैन एंड राय को 7 लेयर में मिट्टी और मुरम भरने की प्रक्रिया अपनानी थी, लेकिन कंपनी ने एक साथ पूरी खुदाई भर दी. कम्पैक्शन के लिए वाइब्रेटर रोलर की जगह सिर्फ साधारण रोलर चलाया गया, जिससे बेस लूज रह गया और बारिश के बाद सड़क धंसने लगी.

डामर लेयर में भी भारी गड़बड़ी 

डामरीकरण का काम करने वाली कंपनी एचएनएस कॉन्ट्रैक्टर्स डेवलपर्स ने तय 4 सेंटीमीटर की डामर परत की जगह कहीं 2.5 तो कहीं 3 सेंटीमीटर की लेयर बिछाई. कमजोर बेस और घटिया लेयर के कारण सड़क का ऊपरी भाग भी जल्द ही जवाब दे गया. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि कंपनी को बेस की कमजोरी की जानकारी होने के बावजूद डामर बिछाने का काम जारी रखा गया. नगर निगम को केवल औपचारिक पत्र भेजकर दिखावा किया गया.

14 दिन में 8 बार धंसी सड़क, बनी राष्ट्रीय चर्चा 

जांच में पाया गया कि सड़क सिर्फ 14 दिन में 8 जगह धंस गई. इस घटना ने ग्वालियर को राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम कर दिया. करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद सड़क महज कुछ महीनों में खराब हो गई, जिससे शासन, प्रशासन और ठेकेदारों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठे हैं.

अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध 

जांच में नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही भी उजागर हुई है. ठेकेदारों की मनमानी के बावजूद समय पर भुगतान किया गया. अब इस प्रकरण की मेजरमेंट बुक (MB) को भी जांच में शामिल किया गया है ताकि पता चल सके कि किस स्तर पर मानकों को दर्ज कर अनदेखा किया गया.

अब होगी कार्रवाई कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा है कि तकनीकी समिति ने रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें फिलिंग और डामरीकरण दोनों में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त को भेजी गई है और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

नगर निगम आयुक्त संघप्रिय दास ने कहा कि उन्हें रिपोर्ट अभी नहीं मिली है, लेकिन प्रारंभिक जांच में कम्पैक्शन की गंभीर खामी सामने आई है. लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है. रिपोर्ट आने के बाद ठेकेदारों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मेयर शोभा सिकरवार ने खुलासा किया कि सरकार से जुड़े लोगों ने अधिकारियों पर दबाव बनाकर बरसात के दौरान ही सड़क निर्माण शुरू करवाया, जबकि अधिकारी मना कर रहे थे.

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