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Bhopal : भोपाल में कैथोलिक पादरी गिरफ्तार, धर्मांतरण का प्रयास करने के लगे आरोप

आरोपों का खंडन करते हुए कार्मेलाइट्स ऑफ मैरी इमैक्युलेट के कांग्रेगेशन के पादरी एवं प्रांतीय फादर जॉन शिबू पल्लीपट्टी ने कहा कि 'आंचल' नामक केंद्र बच्चों का घर नहीं बल्कि लड़कियों के लिए एक छात्रावास है.

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Bhopal : भोपाल में कैथोलिक पादरी गिरफ्तार, धर्मांतरण का प्रयास करने के लगे आरोप
सांकेतिक फोटो

Bhopal News: मध्य प्रदेश के भोपाल (Bhopal) जिले में कथित तौर पर अवैध रूप से बाल गृह चलाने और धर्मांतरण के प्रयासों में शामिल होने के आरोप में एक कैथोलिक पादरी (Catholic Priest) को गिरफ्तार किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि फादर अनिल मैथ्यू के खिलाफ चार जनवरी को परवलिया पुलिस स्टेशन की सीमा के तहत गैरकानूनी तरीके से बाल गृह चलाने के आरोप में धर्मांतरण विरोधी कानून मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज किया गया.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने रविवार को फादर मैथ्यू को गिरफ्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) की एक टीम ने जिला मुख्यालय से लगभग 20 किमी दूर तारा सेवनिया गांव में बाल गृह पर छापा मारा. केंद्र के रजिस्टर को देखने के बाद पता चला कि कुल 68 सहवासी में से 26 लड़कियां गायब थीं. 

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4 जनवरी को दर्ज की गई थी शिकायत

इसके बाद, कथित तौर पर अवैध रूप से केंद्र चलाने के लिए फादर मैथ्यू के खिलाफ जिला कार्यक्रम अधिकारी रामगोपाल यादव द्वारा पुलिस में पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई. पुलिस ने कहा कि शुरू में उस पर किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत आरोप लगाया गया था. उन्होंने कहा, 'हमने 4 जनवरी को ही शिकायत दर्ज की कि केंद्र में मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021 का उल्लंघन हुआ है.' 

प्रांतीय फादर ने किया आरोपों का खंडन

एससीपीसीआर की सदस्य निवेदिता शर्मा ने पीटीआई-भाषा को बताया लेकिन जांच के बाद, पुलिस ने रविवार को मैथ्यू के खिलाफ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. इस बीच, आरोपों का खंडन करते हुए कार्मेलाइट्स ऑफ मैरी इमैक्युलेट के कांग्रेगेशन के पादरी एवं प्रांतीय फादर जॉन शिबू पल्लीपट्टी ने कहा कि 'आंचल' नामक केंद्र बच्चों का घर नहीं, बल्कि लड़कियों के लिए एक छात्रावास है. उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा कि केंद्र में छात्रों को उनके माता-पिता और परिवार के सदस्यों की लिखित सहमति से प्रवेश दिया गया था. 

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सीएम ने दिए कार्रवाई के निर्देश

विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार, आंचल ने गर्ल्स हॉस्टल को विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकृत किया है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि बाल गृह की जिन 26 लड़कियों के लापता होने का आरोप है, वे सुरक्षित हैं और उन्होंने अधिकारियों को अवैध रूप से चल रहे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. यादव ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि बाल गृह से गायब हुई लड़कियां सुरक्षित हैं और उनकी पहचान कर ली गई है.

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