Madhya Pradesh Latest News: मध्य प्रदेश में लोकनिर्माण विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसके चलते सरकार को दो तरफा नुकसान झेलना पड़ रहा है. दरअसल, 5 साल पहले विदिशा में अशोकनगर और सागर मार्ग को जोड़ने के लिए धतुरिया और ढोल खेड़ी के बीच 9 किलोमीटर सड़क बनाई गई. इसके लिए किसानों को दस करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा गया. इस रोड को रिंग रोड का नाम दिया गया और फिर जोरों शोरों से इसका उद्घाटन किया गया, लेकिन मुआवजा बांटने के बाद आज तक लोकनिर्माण विभाग नामांतरण नहीं करा पाया. वहीं मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई है.
राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में सड़क आज भी 90 किसानों के नाम दर्ज
दरअसल, पांच साल पहले ढोल खेड़ी, धतुरिया ग्राम में 9 किलोमीटर तक सड़क निर्माण के लिए कई किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी. सड़क बनाने के लिए किसानों को लोकनिर्माण विभाग ने अच्छा खासा मुआवजा भी बांटा, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी राजस्व रिकॉर्ड में 90 किसानों के नाम ही जमीन दर्ज बता रही है. पांच साल निकलने के बाद भी लोकनिर्माण विभाग अपने नाम पर जमीन दर्ज नहीं करा पायी.
कलेक्टर बैठक में हुआ खुलासा
वहीं बीते दिन जिला मुख्यालय में कलेक्टर जिले अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान जिले भर के विकास कार्यों पर चर्चा की गई, तब राजस्व विभाग के अधिकारियों ने लोकनिर्माण विभाग की लापरवाही का बड़ा मुद्दा उठाया. राजस्व विभाग के अधिकारियों ने कहा पांच साल पहले रिंग रोड की जमीन के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा मुआवजा बांटा, लेकिन आज तक जमीन का नामतरण नहीं हुआ. इसके लिए राजस्व विभाग लोकनिर्माण विभाग को कई बार अवगत करा चुका है.
मामला सामने आने के बाद कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद ने लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि यह भारी लापरवाही है. सरकार ने दस करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है. जल्द जमीन का नामतरण कराया जाएं.
किसानों को आज भी सड़क की जमीन पर मिल रहा केसीसी का लाभ
सरकार भले ही किसानों को जमीनधिग्रहण का मुआवजा दे चुकी हो, लेकिन आज भी किसानों को केसीसी का पूरा लाभ मिल रहा है, जिससे सरकार को दोनों तरफ से नुकसान हो रहा है. इतना ही नहीं फसल नुकसान पर भी जिन किसानों के नाम राजस्व विभाग में दर्ज है उन्हें आज भी फसल नुकसान का मुआवजा मिल रहा है.