
Betul Farmers Problem: मध्य भारत के सबसे बड़े पत्ता गोभी उत्पादक क्षेत्र मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले के मुलताई क्षेत्र में इन दिनों किसान बर्बादी की कगार पर हैं. पत्ता गोभी (Cabbage) का प्रति किलोग्राम दाम 40 से 50 पैसे तक पर गिर गया है. इससे गोभी उत्पादक किसान गोभी की तुड़ाई तक नहीं कर पा रहे हैं. हजारों एकड़ खेतों में पत्ता गोभी लगी सड़ रही है. अगर समय पर इन्हें नहीं बेचा गया, तो करोड़ों का नुकसान होगा.

पत्ता गोभी की फसल हो रही खराब
लागत निकालना हुआ मुश्किल
बैतूल के पत्ता गोभी किसानों की मानें, तो तीन माह में रेट इतने गिर गए है कि एक एकड़ में जंहा 40 हजार रुपये का खर्च आता है, वहां पांच हजार रुपये भी नहीं निकल रहे हैं. तीन हजार में 12 टन वो भी नहीं लेते हैं. अगर सड़क के किनारे खेत हो, तो ही उत्पाद लेते हैं. किसानों का मानना है, जो बागवानी फसलें हैं, उसपर सरकार ध्यान नहीं दे रही है. लगभग इस इलाके में 500 हेक्टयर में किसान गोभी लगाते हैं और यहां से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, उड़ीसा के अलावा अन्य मंडियों में यहां से पत्ता गोभी भेजी जाती है.

मवेशियों की जान को भी खतरा
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समर्थन मूल्य की मांग
किसान चाहते हैं कि सरकार बागवानी की फसलों का भी समर्थन मूल्य तय करें, जिससे किसान को फायदा हो और किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने से बच सकें. बता दें कि बैतूल के पत्ता गोभी किसानों को इस समय बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उनके फसल की लागत भी नहीं निकल पा रही है.
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