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सुबह सोकर उठे नहीं थे यहां लोग, मोहन सरकार के बुलडोजर से ढहा दिए 101 मकान

Bulldozer in Khandwa: मध्यप्रदेश के खंडवा में पहली बार बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. ये अभियान खंडवा नगर के शकर तालाब क्षेत्र में मौजूद इंदिरा आवास बस्ती में चलाया गया है जहां मोहन यादव सरकार के बुलडोजर ने 101 घरों को जमींदोज कर दिया.

सुबह सोकर उठे नहीं थे यहां लोग, मोहन सरकार के बुलडोजर से ढहा दिए 101 मकान

Khandwa Bulldozer Action: मध्यप्रदेश के खंडवा में पहली बार बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया. ये अभियान खंडवा नगर के शकर तालाब क्षेत्र में मौजूद इंदिरा आवास बस्ती में चलाया गया है जहां मोहन यादव सरकार के बुलडोजर ने 101 घरों को जमींदोज कर दिया. ये कार्रवाई सुबह 6 बजे शुरू हुई और 11 बजे तक चली. इस कार्रवाई में फिलहाल 36 घरों को छोड़ा गया है क्योंकि इन लोगों ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है. इस कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस के जवान, दमकल विभाग के जवान और बिजली विभाग के कर्मचारी मौजूद थे.  

10 JCB,4 पोकलेन ने ठहाए 101 मकान

दरअसल खंडवा में शक्कर तालाब मौजूद है और इसी के किनारे पर बसी है इंदिरा आवास बस्ती. इस बस्ती में लोग दशकों से रह रहे हैं. यहां कुछ लोग झुग्गी-झोपड़ी में तो कुछ पक्के मकान बना कर रहे हैं. नगर निगम का कहना है कि यहां के रहवासियों को कई दिनों पहले नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने को कहा गया था. इसके अलावा 48 घंटे पहले मुनादी भी करवा दी गई लेकिन लोगों ने खुद से अतिक्रमण नहीं हटाया. इसके बाद गुरुवार सुबह लगभग 6:00 बजे जब लोग सो कर उठ पाते उससे पहले ही यहां बुलडोजर की गड़गड़ाहट सुनाई देने लगी. जिससे इलाके में हड़कंप मच गया. कुछ लोगों ने विरोध किया लेकिन भारी प्रशासनिक बलों की मौजूदगी की वजह से उनकी एक न चली. नगर निगम के मुताबिक यहां कुल 137 घर अतिक्रमण करके बनाए गए हैं. इसमें से 36 लोगों ने हाईकोर्ट से स्टे ले रखा है. इस कार्रवाई में 10 जेसीबी, 4 पोकलेन, 3 फायर ब्रिगेड, 10 डम्फर सहित 3 एम्बुलेंस भी शामिल थे. 

नगर निगम ने की नाइंसाफी: स्थानीय नागरिक

जिन लोगों के घर ढहाए गए हैं उनमें से कई का कहना है कि नगर निगम ने नाइंसाफी की है. वे यहां दशकों से घर बनाकर रह रहे थे. अब उनका सामान सड़क पर पड़ा है. स्थानीय निवासी जाकिर का कहना है कि नगर निगम ने कई सालों पहले उन्हें जमीन पट्टे पर देने का वादा भी किया था. जिसके बाद उन्होंने कई बार इसके लिए आवेदन किया लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया. स्थानीय  निवासी अफसान बी का कहना है कि नगर निगम ने उन्हें बिजली का कनेक्शन दिया था. हम उसका बिल भी भरते थे. इसके बावजूद उनका घर वैध क्यों नहीं है ये समझ में नहीं आया. 

हमने लोगों को विकल्प दिया था: नगर निगम

दूसरी तरफ नगर निगम का कहना है कि शक्कर तालाब इलाके में अतिक्रमण से काफी नुकसान हो रहा था. निगम की ओर से यहां के लोगों को IHSDP यानी Integrated Housing and Slum Development Programme के तहत बनाई गई मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में भी पैसे लेकर मकान लेने का ऑप्शन दिया गया था. लेकिन किसी भी निवासी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई. बहरहाल अब शक्कर तालाब इलाके में 16 एकड़ जमीन को खाली करा लिया गया है.यहां अब वही घर बचे हैं जिन्हें हाईकोर्ट से स्टे मिला है.अब देखना यह है कि जिन लोगों को अतिक्रमण के नाम पर हटाया गया है वो कहां जाएंगे?

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