RSS-Linked Books Mandated In Madhya Pradesh Colleges: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने शुक्रवार को भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय में आयोजित "भारतीय भाषा महोत्सव" का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कई पुस्तकों का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि भाषा से भारतीय संस्कृति की पहचान है. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री उदय प्रताप सिंह एवं अन्य मौजूद रहे. उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के तहत आरएसएस (RSS) विचारकों की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करने को लेकर उठे विवाद पर कहा कि "पाठ्यक्रम को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. समिति और अध्ययन मंडल इस पर अंतिम निर्णय लेंगे. लेकिन, हम इतना बता देना चाहते हैं कि पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस (PM Shri College) की लाइब्रेरी में प्रत्येक विचारवान लेखकों की पुस्तकें होंगी.
भाषा से भारतीय संस्कृति की पहचान
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) August 16, 2024
ज्ञान दसों दिशाओं से आता है...
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय में आयोजित "भारतीय भाषा महोत्सव" का शुभारंभ कर पुस्तकों का विमोचन किया।@DrMohanYadav51#DrMohanYadav #CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/eTQUlWzINz
ज्ञान का प्रवाह कभी नहीं रुकना चाहिए : CM
सीएम मोहन यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से शिक्षा में हर भाषा के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां ऐसा माना जाता है कि ज्ञान दसों दिशाओं से आनी चाहिए. ज्ञान का प्रवाह कभी नहीं रुकना चाहिए, भारत की विशेषता भी यही है. भारत के आगे बढ़ने का कारण भी यही है. यादव ने कहा कि हमारे यहां कहा गया है, सर्वे भवंतु सुखिन:, हम तो सभी के लिए सोच कर चलने वाले हैं. दसों दिशाओं से जो विचार आते हैं, उसमें से हम अपने मूल विचार को भूले नहीं है.
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मंत्री ने कहा- क्या संघ का कार्यकर्ता देश की सेना में नहीं जा सकता है?
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शुक्रवार को कहा कि वीर सावरकर के योगदान का अध्ययन किया जाना चाहिए और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को उसके उचित संदर्भ में जनता के सामने पेश किया जाना चाहिए. मंत्री ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा कि देश के लिए जिन लोगों ने कुर्बानी दी है, उनका इतिहास भी पढ़ाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि कुछ किताबों में गलत बातें लिखी गई हैं, जैसे कि 'रावण का वध भगवान राम ने नहीं, बल्कि लक्ष्मण ने किया था'. हमारे धर्म को लेकर जो अन्य भ्रांतियां हैं, जो गलत बातें किताबों में लिखी हैं, उन्हें दूर करने का काम कर रहे हैं. मंत्री ने कहा, "भारतीय ज्ञान परंपरा किसी राजनीतिक दल की विचारधारा का एजेंडा नहीं है. क्या संघ का कार्यकर्ता देश की सेना में नहीं जा सकता है? क्या वह प्रोफेसर नहीं बन सकता है? क्या वह किसान नहीं बन सकता है?"
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