Kangana Ranaut BJP: बॉलीवुड अभिनेत्री (Bollywood actress) और सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. ऐसे ही एक बयान को लेकर जबलपुर (Jabalpur) की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने उन्हें नोटिस थमा दिया है. ये पूरा मामला उनके बयान से संबंधित है, जिसमें उन्होंने 1947 में मिली आजादी को 'भीख' बताया था. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर 2024 को निर्धारित की है.
दरअसल, कंगना रनौत ने 2021 में एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि “1947 में मिली आजादी भीख थी, असली आजादी तो 2014 में मिली.” इस बयान ने पूरे देश में व्यापक आक्रोश उत्पन्न किया था, खासकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनके बलिदानों का अपमान मानते हुए इस बयान को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में कड़ी आलोचना हुई थी. इसकी साथ ही कंगना पर कानूनी कार्रवाई की मांग भी उठी थी. उसी से संबंधित ये पूरा मामला है.
परिवादी का पक्ष
परिवादी जबलपुर निवासी अधिवक्ता अमित कुमार साहू ने कंगना के इस बयान के खिलाफ अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने अदालत को बताया कि 2021 में पहले अधारताल थाने में लिखित शिकायत दी गई थी, लेकिन जब वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो पुलिस अधीक्षक को पत्र सौंपा गया. इसके बाद भी जब कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने विशेष अदालत में परिवाद दायर किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता साहू ने अपनी दलील में कहा कि देश को आजादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग और बलिदान से मिली थी. कंगना का बयान उन बलिदानों का अपमान है और यह बिल्कुल ही अनुचित है. उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि इस बयान को गंभीरता से लेते हुए कंगना रनौत के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने का आदेश जारी किया जाए.
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कोर्ट की कार्रवाई
इस मामले में सुनवाई के बाद विशेष एमपी-एमएलए अदालत के न्यायाधीश विश्वेश्वरी मिश्रा ने कंगना रनौत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कंगना को कोर्ट में अपनी सफाई देने के लिए बुलाया गया है. मामले की सुनवाई 5 नवंबर 2024 को होगी. इस सुनवाई में अदालत यह तय करेगी कि कंगना के बयान पर कानूनी कार्रवाई कैसे आगे बढ़ाई जाएगी.
यह मामला न सिर्फ कानूनी, बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास और उसके महत्व से जुड़ा है. कंगना रनौत के इस बयान ने जहां विवाद खड़ा किया था. वहीं, अब अदालत से उम्मीद की जा रही है कि वह इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय देगी.
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