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This Article is From Jun 05, 2025

भरी सभा में गुस्साए जनपद सदस्य ने CEO पर फेंकी पानी की बोतल, कहा- विधायक के पल्लू में छिपे रहते हैं

आवेश में आकर जनपद पंचायत के सदस्य ने टेबल पर रखी पानी से भरी बोतल उठाकर सीईओ की ओर फेंक दी. इस घटना से अन्य सदस्यों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया.

भरी सभा में गुस्साए जनपद सदस्य ने CEO पर फेंकी पानी की बोतल, कहा- विधायक के पल्लू में छिपे रहते हैं

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना जनपद पंचायत की सामान्य सभा की बैठक उस समय विवादों में घिर गई, जब जनपद सदस्य शिवकुमार चढ़ार ने सीईओ एस.एल. कुरेले पर सवाल-जवाब के दौरान आवेश में आकर पानी से भरी बोतल फेंक दी. गनीमत है यह बोतल सीईओ को नहीं लगी और बीच में ही गिर गई, लेकिन इस घटना से बैठक में अफरा-तफरी मच गई और माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया.

इसलिए आया गुस्सा 

घटना के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ राजनीतिक हलकों में भी इस मामले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. बताया जा रहा है कि शिवकुमार चढ़ार बैठक के दौरान जनपद सदस्यों को मिलने वाली विकास कार्यों की राशि, पूर्व बैठकों में हुए व्यय और संबंधित कार्यों की पारदर्शिता को लेकर जानकारी मांग रहे थे. उन्होंने सीईओ से तत्काल जवाब की अपेक्षा जताई, लेकिन जब सीईओ ने उन्हें थोड़ी देर में जानकारी देने की बात कही, तो चढ़ार नाराज हो गए.

सूत्रों के अनुसार, इस पर जनपद सदस्य का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने कार्यालय खुलने के समय, सीईओ की शासकीय वाहन की उपयोगिता और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालों की बौछार कर दी. इसी दौरान आवेश में आकर उन्होंने टेबल पर रखी पानी से भरी बोतल उठाकर सीईओ की ओर फेंक दी. इस घटना से अन्य सदस्यों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया.

बोतल फेंकने के बाद भी शिवकुमार चढ़ार रुके नहीं. उन्होंने सीईओ पर पक्षपात के आरोप लगाए और कहा कि वे बीना विधायक के “पल्लू में छिपे रहते हैं” और उनके साथ राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीईओ जनपद सदस्यों की बातों को अनदेखा कर केवल विधायक के इशारे पर कार्य कर रहे हैं.

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CEO ने थाने में दर्ज कराई शिकायत 

इस टिप्पणी के बाद बैठक का माहौल और बिगड़ गया.अन्य जनपद सदस्य भी इसमें शामिल हो गए, जिससे हंगामा और बढ़ गया. स्थिति को संभालने के लिए अधिकारियों को बैठक तत्काल स्थगित करनी पड़ी.सीईओ एस.एल. कुरेले ने बैठक में हुए इस घटनाक्रम की लिखित शिकायत बीना थाने में दर्ज करवाई. पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जनपद सदस्य शिवकुमार चढ़ार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 296 (सार्वजनिक सभा में विघ्न डालना) और धारा 132 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों से रोकने का प्रयास) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है.

पुलिस ने शुरू की जांच 

वहीं विधायक के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी को लेकर भी जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस और जिला प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस मामले की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई गई है और जनपद पंचायत की आगामी बैठक को लेकर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं.

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अफसरों पर मनमानी के आरोप 

स्थानीय राजनीतिक हलकों में इस घटना ने हलचल मचा दी है. कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि जनपद सदस्यों की बातों को बार-बार अनसुना करना और अधिकारियों की मनमानी कार्यशैली ही ऐसे विवादों को जन्म दे रही है. वहीं कुछ प्रतिनिधियों ने बैठक में की गई अभद्रता की निंदा करते हुए कहा है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादा का पालन आवश्यक है. अब देखना यह होगा कि प्रशासनिक जांच के बाद इस विवाद का क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या इस मामले में कोई और कार्रवाई की जाती है? फिलहाल बीना जनपद पंचायत की यह बैठक विकास कार्यों की चर्चा से अधिक हंगामे और राजनीति का केंद्र बन गई है.

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