
Action against vehicles fitted with hooters and sirens: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में वाहनों पर हूटरों का अवैध उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है. कई चालक खुलेआम कानून का उल्लंघन कर रहे हैं. इन प्रतिबंधित उपकरणों के व्यापक दुरुपयोग को उजागर करते हुए NDTV ने 'हूटर हटाओ अभियान' चलाया था. वहीं अब NDTV की इस मुहिम का असर भोपाल में दिख रहा है. दरअसल, भोपाल में अवैध हूटर के उपयोग और बेचने वालों पर पुलिस ने सख्ती की है. हूटरों के खिलाफ पुलिस 2 दिन में 25 से ज्यादा हूटर और सायरन लगे वाहनों पर कार्रवाई की है.

अवैध हूटर के उपयोग और बेचने वालों पर पुलिस की सख्ती
पुलिस ने हूटर उतरवाने के साथ चालानी कार्रवाई भी की है. इसके अलावा पुलिस की टीम ने ऑटो पार्ट्स की दुकानों पर पहुंचकर दुकानदारों को भी समझाइशदी है. वहीं नम्बर प्लेट पर गाड़ी के नम्बर और राजनीतिक चिन्ह या किसी तरह का पद नाम लिखवाने वालों पर चालानी कार्रवाई की है.
विधायक से अफसर तक... गाड़ियों में लगा है हूटर
ऐसा नहीं है कि हूटर बजाने में सिर्फ मंत्री विधायक या छुटभैये नेताजी ही आगे हैं. जिले के अफसर, कर्मचारी भी हूटर परंपरा में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं. चालक भीड़भाड़ वाली सड़कों पर वाहन चलाने के लिए इन हूटरों का जमकर इस्तेमाल करते हैं और यातायात नियमों की अनदेखी करते हैं. इतना ही नहीं, चालक पैदल चलने वालों और अन्य वाहन चालकों की जान को भी जोखिम में डालते हैं. इस लापरवाह व्यवहार के कारण कई दुर्घटनाएं हुई हैं और घटनाएं होते-होते बची हैं. इससे शहर की यातायात समस्याएं और भी बढ़ गई हैं.

इन वाहनों को हूटर लगाने की मिली है छूट
1. एम्बुलेंस और फायर बिग्रेड की गाड़ियों में लगा सकते है हूटर-सायरन.
2. RTO और एम्बुलेंस में लगाने की है अनुमति.
3. इमरजेंसी की हालत में पुलिस भी सायरन बजा सकती है.
इसके अलावा किसी अन्य वाहन में हूटर लगाना अपराध है. वहीं कानून का उलंघन करने वालों पर 5 से 10 हजार तक जुर्माने की सजा का भी प्रावधान है.