अद्भुत है विक्रमादित्य वैदिक घड़ी, 189 भाषाओं में देख सकेंगे पंचांग, तिथि, नक्षत्र, सीएम ने किया लोकार्पण

Vikramaditya Vedic Clock: लोकार्पण के लिए तैयार वैदिक घड़ी में भारतीय कैलेंडर और कालक्रम को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ा गया है. 189 से ज्यादा भाषाओं में देखी जा सकने वाली इस अनोखी घड़ी से समय, पंचांग, ​​तिथि, नक्षत्र, योग, दिन, महीना, व्रत और त्योहारों की जानकारी भी मिलेगी.

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MP CM DR. MOHAN YADAV WILL UNVEIL THE VIKRAMADITYA VEDIC CLOCK TODAY IN BHOPAL

Vedic Clock Inauguration: भारतीय काल गणना पद्धति और वैज्ञानिक परम्परा को एक नई पहचान मिलने वाली है, सीएम डॉ. मोहन यादव आज 1 सितंबर को सीएम निवास में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और इसके मोबाइल ऐप का लोकार्पण किया. कुल 189 से ज्यादा भाषाओं में देखी जा सकने वाली इस अनोखी घड़ी से समय, पंचांग, ​​तिथि, नक्षत्र, योग, दिन, महीना, व्रत और त्योहारों की जानकारी भी मिलेगी.

लोकार्पण के लिए तैयार वैदिक घड़ी में भारतीय कैलेंडर और कालक्रम को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ा गया है. 189 से ज्यादा भाषाओं में देखी जा सकने वाली इस अनोखी घड़ी से समय, पंचांग, ​​तिथि, नक्षत्र, योग, दिन, महीना, व्रत और त्योहारों की जानकारी भी मिलेगी.

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भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी का सीएम ने किया लोकार्पण

रिपोर्ट के मुताबिक लोकार्पण को तैयार विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है. भारतीय काल गणना सर्वाधिक विश्वसनीय पद्धति का पुनर्स्थापन विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के रूप में उज्जैन में पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा 29 फरवरी 2024 को किया गया था, जिसे देश और दुनिया में अच्छा प्रतिसाद मिला.

भारत के समय की पुनर्स्थापना की पहल विषय पर युवाओं से सीएम ने किया संवाद

गौरतलब है आज से शौर्य स्मारक से रैली "भारत का समय - पृथ्वी का समय" आरंभ होगी, जो श्यामला हिल्स थाने तक जाएगी. श्यामला हिल्स थाने में बाइक पार्क कर रैली पैदल मार्च में बदलकर सीएम निवास तक पहुंचेगी. इस मौके पर  विक्रमादित्य वैदिक घड़ी: भारत के समय की पुनर्स्थापना की पहल विषय पर सीएम मोहन युवाओं से सीधा संवाद किया

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पावन भूमि भारतवर्ष ने संपूर्ण ब्रह्माण्ड को अपने ज्ञान से आलोकित किया है, यहां की संस्कृति का प्रत्येक पहलू प्रकृति व विज्ञान का ऐसा विलक्षण उदाहरण है, जो विश्व कल्याण का पोषक है. इन्हीं धरोहरों के आधार पर निर्मित 'विक्रमादित्य वैदिक घड़ी' भारतीय परम्परा का गौरवपूर्ण प्रतीक है.

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भारतीय परंपरा, वैदिक गणना व वैज्ञानिक दृष्टि का अद्भुत संगम है वैदिक घड़ी

भारतीय परंपरा, वैदिक गणना और वैज्ञानिक दृष्टि का अद्भुत संगम विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के माध्यम से भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित करने का प्रयास है. यह प्रयास विरासत और विकास, प्रकृति और तकनीक का संतुलन होगा. यह स्वदेशी जागरण की महत्वपूर्ण कोशिश है, जो भारत को विश्व मंच पर मजबूती प्रदान करेगी.

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वैदिक घड़ी में समाहित है महाभारतकाल से लेकर 7000 से अधिक वर्षों के पंचांग

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के मोबाइल ऐप में 3179 विक्रम पूर्व (श्रीकृष्ण के जन्म), महाभारतकाल से लेकर 7000 से अधिक वर्षों के पंचांग, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, वार, मास, व्रत एवं त्यौहारों की दुर्लभ जानकारियां समाहित की गई हैं. धार्मिक कार्यों, व्रत और साधना के लिए 30 अलग-अलग शुभाशुभ मुहूर्तों की जानकारी एवं अलार्म की सुविधा भी है.

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विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारत की सांस्कृतिक धुरी बनकर वैश्विक भाषाओं और परंपराओं, आस्थाओं व धार्मिक कार्यों को जोड़ने वाली कड़ी बनेगी. भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जो पूरी मानवता को, विरासत, प्रकृति और तकनीक के संतुलन के साथ जीना सिखाता रहा है.

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कुल 189 से अधिक वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध है विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का ऐप

उल्लेखनीय है प्रचलित समय में वैदिक समय (30 घंटे), वर्तमान मुहूर्त स्थान, GMT और IST समय, तापमान, हवा की गति, आर्द्रता व मौसम संबंधी सूचनाएं भी वैदिक घड़ी में उपलब्ध होगी. 189 से अधिक वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध वैदिक घड़ी ऐप में दैनिक सूर्योदय और सूर्यास्त की गणना व इसी आधार पर हर दिन के 30 मुहूर्तों का सटीक विवरण शामिल है.

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वैज्ञानिक दृष्टि से समृद्ध व आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ी है विक्रमादित्य वैदिक घड़ी

सीएम डा. मोहन यादव द्वारा सीएम निवास से लोकार्पित की जाने वाली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के बारे में जानकारी देते हुए हुए श्रीराम तिवारी ने बताया कि वैज्ञानिक दृष्टि से समृद्ध और आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़ी यह वैदिक घड़ी भारतीय संस्कृति और हमारी पुरातन काल गणना पद्धति को वैश्विक स्तर पर एक नया आयाम देगी.

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