जमाना बड़ा खराब है, जो आपके सामने आपके साथ है, हो सकता है आपके पीठ पीछे वही कोई साजिश रच रहा हो. यह कोई भी हो सकता है. चाहे वह दोस्त हो, रिश्तेदार हो या फिर पड़ोसी. आज कल ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जो हमें ऐसा सोचने पर मजबूर कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भी ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया हैं. यह मामला सिर्फ चोरी नहीं, भरोसे की हत्या है.
दरअसल, भोपाल के इंडस टाउन में एक पड़ोसी ने छोटी बच्ची को डरा-धमकाकर उससे चोरी कराई. वो भी कोई छोटी-मोटी चोरी नहीं पूरे 10 लाख रुपये की. डर और दशहत में जी रही बच्ची ने अपने घर से कई बार में चोरी कर यह रकम पड़ोसी महिला को दे दी. आइए, विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला, कैसे खुला इस चोरी का राज, बच्चे ब्लैकमेलिंग का आसान शिकार कैसे बनते हैं...?
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बच्ची ने 10 लाख रुपये चोरी किए
यह हैरान करने वाला मामला मिसरोद थाना क्षेत्र के इंडस टाउन का है. यहां रहने वाली मनीषा नागर एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करती हैं. मनीषा के सामने वाले फ्लैट में ज्योति पाठक नाम की एक महिला रहती है. पुलिस के अनुसार, ज्योति ने मनीषा की नाबालिग बेटी को डराया-धमकाया और उसके जरिए घर से पैसे निकलवाने लगी. धीरे-धीरे बच्ची ने मां की अलमारी, पर्स या जहां भी मिलें, वहां से रकम निकालना शुरू कर दिया. बच्ची यह रकम आरोपी ज्योति पाठक को दे देती. चोरी की यह प्रक्रिया एक या दो बार नहीं, बल्कि महीनों तक चलती रही. इस दौरान करीब 10 लाख रुपये बच्ची ने चोरी कर आरोपी ज्योति को दे दिए.
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मां को हुआ शक, सख्ती से पूछताछ में खुला राज
इधर, एक प्राइवेट बैंक में जॉब करने वाली फरियादी मनीषा नागर को काफी समय से घर से पैसे गायब होने को लेकर परेशान थी. लेकिन, उन्हें लगा कि शायद घर में कामकाज करने वाला कोई नौकर ऐसा कर रहा हो. धीरे-धीरे चोरी होने वाली रकम बढ़ी तो उन्होंने खुद जांच शुरू की, लेकिन कुछ खास हाथ नहीं लगा. इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी से सख्ती से पूछा कि घर से पैसे कौन ले जा रहा है, मां की डांट सुनकर बच्ची रो पड़ी और फिर उसने जो बताया वो सुनकर मां के पैरों तले जमीन खिसक गई. उसने बताया- मां सामने वाली ज्योति आंटी उसे डराती हैं. उनकी बात नहीं मानी तो सब बुरा ही बुरा होगा. उनके कहने और डर से ही कई बार घर से पैसे निकालकर उन्हें देती रही.
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पुलिस ने दर्ज किया केस, जांच शुरू
मासूम बच्ची के मुंह से सच्चाई सुनने के बाद मनीषा नागर ने तुरंत मिसरोद थाने जाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उनकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने बच्ची का बयान भी लिया है.
बच्चे ब्लैकमेलिंग का आसान शिकार कैसे बनते हैं...?
बच्चे भावनात्मक रूप से अति संवेदनशील और भरोसेमंद होते हैं, उनमें भला-बुरा सोचने की क्षमता कम होती है. इसलिए वे ब्लैकमेलिंग का सबसे आसान शिकार होते हैं. अक्सर धमकाने वाला इंसान बच्चे पर भावनात्मक दबाव बनाता है, जैसे अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगे तो.. ऐसा होगा. मैंने जो कहा कि तुमने वो नहीं किया तो तुम्हारे परिवार के साथ बुरा होगा. कई बार धमकाने वाले जान से मारने की धमकी या फिर लालच भी देता है. इससे बच्चे तुरंत मान जाते हैं.
इससे बचने के लिए क्या करें ?
सबसे अधिक जरूरी है कि बच्चों से खुलकर बातचीत करें. उसने इतना भरोसा दें कि वह आपके साथ हर बात शेयर कर सके. उसे निजी सामान की सुरक्षा सिखाएं. यह भी बताएं कि किसी के डराने या धमकाने पर वह तुरंत घर के बड़े सदस्य या माता-पिता को इस बारे में जानकारी दे. साथ ही, माता-पिता बच्चों के व्यवहार पर खास ध्यान दें. यह देखें कि कहीं बच्चा किसी तरह के अनावश्यक मानसिक दबाव में तो नहीं है. बच्चों का ध्यान रखना सभी की जिम्मेदारी है. और हां, 'अगर आपके घर से भी पैसों का हिसाब गड़बड़ा रहा है, तो भी ध्यान दीजिए कहीं मामला भोपाल जैसा तो नहीं है. हो सकता है कोई खतरा आपकी नजर में न आ रहा हो.