Union Carbide: भोपाल (Bhopal) में 40 साल से जमा जहरीला कचरा बुधवार यानी 1 जनवरी 2025 की रात को शहर से बाहर कर दिया गया. यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री (Union Carbide Factory) के अंदर मौजूद 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को भारी सुरक्षा और उच्चतम मानकों का पालन करते हुए पीथमपुर (Pithampura) भेजा गया. कचरे को भोपाल से पीथमपुर तक पहुंचाने के लिए 250 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इस दौरान 12 कंटेनर में जहरीले कचरे को ले जाया गया. कंटेनर्स के साथ पुलिस, एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियां तैनात रहीं.इससे पहले यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई थी. पुलिस टीम और बैरिकेड्स को फैक्ट्री परिसर में तैनात किया गया था.
337 मीट्रिक टन कचरे से मिली भोपाल को आजादी...#Bhopal pic.twitter.com/0diYSQ5xNa
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) January 1, 2025
पुलिस रही सतर्क
भोपाल में 40 साल से पड़े यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे को भोपाल से पीथमपुर लेजा ने के दौरान भोपाल पुलिस के 50 जवानों ने पूरे सफर के दौरान निगरानी की. इसके अलावा, एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी पूरे रूट पर तैनात रहे. वहीं, स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाले रखी. कंटेनर्स के गुजरने के दौरान ट्रैफिक को अस्थायी रूप से रोक दिया गया. कंटेनर्स के आगे और पीछे लगभग 2 किलोमीटर तक किसी तरह के वाहनों को गुजरने की इजाजत नहीं दी गई. जहरीले कचरे के परिवहन के दौरान किसी भी संभावित आपात स्थिति के लिए फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस तैयार रखी गईं. इस पूरे मामले पर भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा कि कचरे को स्थानांतरित करने में उच्चतम मानदंडों का पालन किया गया है. पूरे रास्ते की कड़ी निगरानी की गई और सुरक्षा सुनिश्चित की गई.
पीथमपुर में नष्ट होगा कचरा
यह जहरीला कचरा पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड में नष्ट किया जाएगा. हालांकि, जहां कचरा नष्ट किया जाएगा, उस क्षेत्र के पास रहवासी इलाका है, जिससे लोगों की सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है.
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भोपाल के नागरिकों के लिए राहत भरा कदम
इस ऐतिहासिक कदम से भोपाल को जहरीले कचरे से आज़ादी मिली है. यह कदम न केवल पर्यावरण के लिए अहम है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है. जहरीले कचरे को सुरक्षित रूप से हटाने के साथ ही भोपाल को एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर बढ़ने का मौका मिला है. यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिखाता है कि सरकार और प्रशासन ने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है.
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