Bhojshala Dispute 2025: मध्य प्रदेश के धार की ऐतिहासिक और संवेदनशील धार्मिक विरासत भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में मंगलवार सुबह एक बार फिर माहौल गरमा गया. हर मंगलवार की तरह इस बार भी हिंदू समाज दर्शन–पूजन और हनुमान चालीसा पाठ के लिए पहुंचा था, लेकिन कार्यक्रम शुरू होते ही ASI और हिंदू संगठनों के बीच नया विवाद खड़ा हो गया. मां वाग्देवी का नया चित्र भीतर ले जाने से रोकने पर मामला इतना बढ़ा कि कुछ देर के लिए पूरे परिसर में हंगामे जैसी स्थिति बन गई.
नया चित्र लेकर पहुंचे तो ASI ने किया जब्त
हिंदू संगठन इस मंगलवार मां वाग्देवी (सरस्वती) का एक नया तेल चित्र साथ लेकर पहुंचे थे. योजना थी कि इसे भीतर ले जाकर पूजन किया जाए. लेकिन ASI अधिकारियों ने अचानक चित्र को जब्त कर लिया और परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी. इस कार्रवाई से हिंदू समाज नाराज हो गया और अधिकारियों से तीखी बहस हुई.
‘हर मंगलवार चित्र ले जाते हैं, इस बार क्यों रोका?'
भोज उत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेशचंद जलोदिया ने कहा कि हम हर मंगलवार माता जी का तेल चित्र लेकर जाते हैं. इस बार सिर्फ चित्र बदला गया था. उसे अंदर क्यों नहीं जाने दिया? ASI ने उसे जब्त कर लिया, यह गलत है.” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिना अनुमति के रंगाई–पुताई और कई कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन हिंदू पक्ष को ही रोका जाता है. यह पक्षपात है.
‘चित्र वापस दो, नहीं तो आंदोलन करेंगे'
चित्र जब्त होने के बाद सकल हिंदू समाज और भोज उत्सव समिति दोनों ने नाराजगी जताई. संगठनों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि चित्र जल्द वापस नहीं किया गया और बिना अनुमति के हो रहे कामों पर रोक नहीं लगी, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे.
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उर्स की तैयारी का भी विरोध
हिंदू संगठनों का आरोप है कि उर्स की तैयारी के नाम पर परिसर में बिना अनुमति रंगाई–पुताई की जा रही है, जबकि हिंदू समाज को बार–बार रोका जाता है. इसको लेकर लोगों ने ASI की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं.
वसंत पंचमी पहले से चुनौती
इस बीच प्रशासन पर संकट पहले से ही बढ़ा हुआ है, क्योंकि 23 जनवरी को शुक्रवार होने के कारण वसंत पंचमी और नियमित नमाज के चलते स्थितियां संवेदनशील रहने वाली हैं. ऐसे में मंगलवार को हुआ यह नया विवाद भोजशाला–कमाल मौला मस्जिद परिसर में तनाव को और बढ़ा देता दिख रहा है.
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