भिंड जिले में ग्वालियर–भिंड–इटावा को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे-719 पर लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं और सैकड़ों लोगों की असमय मौतों के बाद भी सड़क के चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू न होने से आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इसी को लेकर सोमवार को जिलेभर के संत समाज ने बरेठा टोल प्लाजा पर ‘नो रोड–नो टोल' आंदोलन किया. संतों के इस आंदोलन को कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी समर्थन दिया और वे स्वयं धरने में शामिल हुए.

NH-719 को भिंड जिले में अब ‘मौत का हाईवे' कहा जाने लगा है. संकरी और टू-लेन सड़क, भारी वाहनों की आवाजाही, अव्यवस्थित कट और सुरक्षा इंतजामों की कमी के चलते यहां आए दिन गंभीर सड़क हादसे हो रहे हैं. बीते कुछ वर्षों में इस हाईवे पर सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. लंबे समय से स्थानीय नागरिक, सामाजिक संगठन और जनप्रतिनिधि इस मार्ग को फोरलेन अथवा सिक्स लेन बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी.
फोरलोन बनाने की घोषणा के बाद भी काम शुरू नहीं
लगातार अनदेखी से नाराज संत समाज ने आंदोलन की कमान संभाली. इससे पूर्व संतों ने भूख हड़ताल भी की थी, जिसे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा आश्वासन देकर समाप्त कराया गया. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस हाईवे को फोरलेन किए जाने की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा के महीनों बाद भी न तो टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ी और न ही निर्माण कार्य शुरू हुआ.
खराब सड़क पर टोल वसूली
इधर, कोरोना काल का हवाला देते हुए टोल कंपनी को राहत देते हुए टोल वसूली की अवधि दो साल के लिए बढ़ा दी गई. इसे लेकर संत समाज में गहरा रोष है. संतों का कहना है कि जिस सड़क पर लोगों की जान जा रही है, उसे चौड़ा और सुरक्षित बनाने के बजाय टोल वसूली को बढ़ाना अन्याय है. सड़क खराब है, लेकिन जनता से पूरा टोल वसूला जा रहा है.
जिले भर के संत पहुंचे आंदोलन में
संत समाज के अध्यक्ष कालीदास महाराज एवं दंदरौआ धाम के महंत रामदास महाराज के नेतृत्व में जिलेभर से आए संतों ने बरेठा टोल प्लाजा पर एक दिवसीय आंदोलन किया. आंदोलन का नाम दिया “नो रोडनो टोल” संतों ने रामधुन और भजन के साथ शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया. आंदोलन के दौरान कुछ समय के लिए टोल प्लाजा पर टोल वसूली पूरी तरह बंद रही, जिससे वाहन चालकों को राहत मिली.
कांग्रेस नेता ने सरकार पर बोला हमला
धरना स्थल पर पहुंचे कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बार-बार घोषणाओं के बावजूद एनएच 719 का चौड़ीकरण न होना बेहद शर्मनाक है. संत समाज को सड़क के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है, यह सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है. कटारे ने बताया कि उन्होंने इस विषय को विधानसभा में भी उठाया, लेकिन सरकार जवाब देने से बचती रही. उन्होंने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस इस जनहित के मुद्दे पर संत समाज के साथ मजबूती से खड़ी है.
संत समाज ने दी चेतावनी
संत समाज ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही एनएच719 को फोरलेन बनाने की ठोस प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो नो रोड–नो टोल आंदोलन को अनिश्चितकालीन किया जाएगा और इसे और व्यापक रूप दिया जाएगा. आंदोलन को लेकर प्रशासन भी सतर्क नजर आया और मौके पर पुलिस बल तैनात रहा. मौके पर मौजूद प्रशासन ने संत समाजो को भरोसा दिलाया है कि हाइवे के चौड़ीकरण का पूरा प्रोजेक्ट सरकार को भेज दिया है.
आगामी 7 से 8 महीने के भीतर डीपीआर (डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कर ली जाएगी. इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर आवश्यक नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे. प्रशासन के आश्वासन के बाद संतो ने अपना धरना समाप्त कर दिया. बार-बार आश्वासन के बाद संत समाज ने दो टूक कहा है कि एक बार फिर समय दे रहे हैं.