Madhya Pradesh News: कम समय में ज्यादा पैसे कमाने का लालच देकर लोगों को ऑनलाइन गेमिंग के जरिए ठगने वाले एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का मध्य प्रदेश की भिंड पुलिस ने पर्दाफाश किया है.पुलिस ने राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले गिरोह के पांच शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यह पूरा नेटवर्क दुबई से ऑपरेट हो रहा था और म्युल अकाउंट (किराए के बैंक खाते) के जरिए करोड़ों रुपए की साइबर ठगी की जा रही थी.
पुलिस के अनुसार, भिंड जिले के 6 बैंक खातों के माध्यम से महज तीन महीनों में 3 करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया गया. इसके अलावा 15 अन्य संदिग्ध खातों की पहचान कर उन्हें फ्रिज करने की कार्रवाई जारी है. गिरोह के दो प्रमुख एजेंटों के नाम भी सामने आए हैं, जिनमें एक भिंड का और दूसरा उत्तर प्रदेश के इटावा जिले का निवासी है.
ऑनलाइन गेमिंग से भरोसा, फिर लाखों की ठगी
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी पहले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को छोटी-छोटी रकम जिताकर उनका भरोसा जीतते थे. 40 से 50 हजार रुपए तक की जीत दिखाकर पीड़ितों को विश्वास में लिया जाता था. इसके बाद जैसे ही पीड़ित बड़े दांव लगाता था, तकनीकी तरीके से गेम में हार दिखाकर लाखों रुपए की ठगी कर ली जाती थी. हजारों की जीत के नाम पर लाखों रुपए हड़प लिए जाते थे. इतना ही नहीं, आरोपी सरकारी योजनाओं, तत्काल लोन और प्राइवेट फाइनेंस का भी लालच देते थे, जिससे लोग आसानी से उनके जाल में फंस जाते थे.
डिजिटल तरीके से रकम गायब
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत कई राज्यों में दलालों के माध्यम से लोगों से बैंक खाते खरीदते थे या किराए पर लेते थे.इन खातों को “म्युल अकाउंट” कहा जाता है. एक खाते को कुछ ही दिनों तक ऑपरेट किया जाता था और जैसे ही खाता संदिग्ध होता, उसे बंद कर दिया जाता था. खाता होल्ड होने से पहले क्यूआर कोड, यूपीआई और अन्य डिजिटल पेमेंट माध्यमों से पूरी रकम निकाल ली जाती थी. इसके बदले खाता किराए पर देने वाले व्यक्ति को करीब 25 हजार रुपये दिए जाते थे.
दुबई तक पहुंचती थी ठगी की रकम
पुलिस के मुताबिक खातों में आई ठगी की रकम का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा दुबई में बैठी टीम को हवाला, ऑनलाइन ट्रांसफर या बिटकॉइन के माध्यम से भेजा जाता था, जबकि शेष 30 प्रतिशत राशि आरोपी आपस में बांट लेते थे। इससे साफ है कि यह गिरोह सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है.
खाटू श्याम यात्रा से खुला राज
इस पूरे मामले का खुलासा 19 दिसंबर 2025 को हुआ, जब ऊमरी थाना क्षेत्र के मोबाइल दुकानदार मनदीप सोनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. फरियादी ने बताया कि वह दर्शन के लिए खाटू श्याम (सीकर, राजस्थान) गया था, जहां उसकी मुलाकात ठगों से हुई. आरोपियों ने उसे सरकारी और प्राइवेट लोन दिलाने का झांसा देकर उसका बैंक खाता, एटीएम कार्ड, सिम, आधार और पैन कार्ड की प्रतियां ले लीं. बाद में आरोपियों ने उसके दोस्तों और रिश्तेदारों से भी इसी तरह दस्तावेज हासिल कर लिए. जब लोन नहीं मिला और बैंक खातों की जांच की गई, तो लाखों रुपए का संदिग्ध लेनदेन सामने आया.
घेराबंदी कर गिरफ्तारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी डॉ. असित यादव के निर्देश पर विशेष टीम गठित की गई. तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिर की सूचना के आधार पर 20 दिसंबर 2025 को गोहद चौराहा थाना क्षेत्र के छीमका गांव के पास घेराबंदी कर सभी पांचों आरोपियों को कार सहित गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार आरोपियों में अनंत उर्फ संजू, इम्तियाक सैफी, राजेश रुलानिया उर्फ राज, राहुल सैनी और उमेश जाट शामिल हैं, जो सभी राजस्थान के सीकर जिले के निवासी हैं.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से करीब 10 लाख रुपए कीमत की अर्टिगा कार, 8 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 1 सिम कार्ड, 1 कार्ड रीडर, 4 पैन कार्ड, 7 एटीएम कार्ड, 4 आधार कार्ड, 2 चेकबुक और 1 पासबुक जब्त की है.
10 लाख की रकम निकालने आए थे भिंड
ऊमरी थाना प्रभारी शिवप्रताप सिंह राजावत ने बताया कि आरोपियों ने मनदीप सोनी की बैंक डिटेल लेने के बाद उसके खाते में बड़ी राशि ट्रांसफर की थी. फरियादी मनदीप सोनी को जब अपने खाते में 10 लाख रुपए आने की जानकारी मिली तो उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस के मार्गदर्शन में चेक के माध्यम से यह राशि खाते से निकाल ली गई. इसी रकम को लेने के लिए पांचों आरोपी भिंड आए थे, जहां वे पुलिस के जाल में फंस गए.
नेताओं के फोन भी आए, जांच जारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों का नेटवर्क और रसूख इतना मजबूत था कि उन्हें बचाने के लिए कुछ नेताओं के फोन भी पुलिस अधिकारियों तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने किसी दबाव में आए बिना सख्त कार्रवाई की. फिलहाल पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों, एजेंटों और दुबई कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है.पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी लालच में आकर अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, सिम या दस्तावेज किसी को न दें और संदिग्ध ऑनलाइन गेमिंग या लोन ऑफर से सतर्क रहें.
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