
Vidisha News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हमेशा से अपने प्राकृतिक और ऐतिहासिक सौंदर्य के लिए पर्यटकों की लिस्ट में टॉप 5 में रहता है. विदिशा की पहचान और जीवनदयानी कही जाने वाली बेतवा नदी है. जिस बेतवा नदी (Betwa River) की चर्चा देश के साथ विदेश तक होती है और जो केन-बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Program) में शामिल है, आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है... गर्मियों ने अभी पूरी तरह से दस्तक भी नहीं दी है और बेतवा नदी अपना दम तोड़ती नजर आ रही है. जिन पुलों के नीचे से अपने पूरे गुरूर में बेतवा बहती थी, आज बूढ़ी नजर आ रही है. वहां अब सिर्फ सूखी मिट्टी और पत्थरों से भरी धरती नजर आ रही हैं. यह सिर्फ एक नदी का सूखना नहीं, बल्कि विदिशा और उसके आसपास के इलाकों के लिए जल संकट की ओर बढ़ा संकेत माना जा रहा है.

तेजी से सूख रही बेतवा नदी
बेतवा पर मंडराए संकट के बादल
बेतवा सिर्फ विदिशा ही नहीं, बल्कि हमेशा से पूरे एमपी और उत्तर प्रदेश के लिए एक अहम नदी रही है. यह नदी मालवा के पठार से निकलकर कई जिलों को सींचती हुई यमुना में समाहित होती है. लेकिन, आज इसकी हालत देखकर साफ कहा जा सकता है कि हमने अपनी नदियों की सुध नहीं ली और अब यह सूखने की कगार पर आ चुकी है. बेतवा का सूखना आम लोगों, किसानों और जीव-जन्तुओं के लिए संकट का संकेत है. जिन खेतों को यह सींचती थी, उन पर अब सूखे की मार पड़ने वाली है. जो जीव इस नदी पर निर्भर थे, वे अब पानी की तलाश में भटक रहे हैं.

विदिशा में पानी की समस्या की संभावना
कौन है बेतवा की हालत के लिए जिम्मेदार?
बेतवा के इस हाल तक पहुंचने के पीछे कई कारण हैं. यह सिर्फ मौसम की मार नहीं, बल्कि इंसानों की गलतियों और लापरवाहियों का नतीजा भी है. बेतवा के जल का अंधाधुंध उपयोग हुआ... न तो जल संरक्षण की चिंता की गई और न ही इसका कोई दीर्घकालिक प्रबंधन किया गया. जलग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण बढ़ता गया और जो जगहें पानी संचित करने के लिए थी, वे बसाहट और निर्माण की भेंट चढ़ गईं.
घटती बारिश और जलवायु परिवर्तन
मध्य प्रदेश में बारिश के पैटर्न में भारी बदलाव आया है. पहले जहां मानसून संतुलित रहता था, अब या तो अत्यधिक बारिश होती है या फिर सूखा पड़ जाता है. इससे नदी के जल स्तर में लगातार गिरावट आई है. बेतवा को बचाने के लिए कोई ठोस नीति अब तक लागू नहीं की गई है. प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए और जब हालात बिगड़ गए, तब भी सिर्फ कागजी योजनाएं बनाई जाती रहीं.

बेतवा नदी की हालत
विदिशा को जल संकट झेलना पड़ेगा
अगर बेतवा का जलस्तर इसी तरह लगातार गिरता रहा, तो विदिशा समेत कई इलाकों को भयंकर जल संकट का सामना करना पड़ेगा. किसानों के लिए यह एक बड़ी तबाही होगी, क्योंकि बिना पानी के उनकी फसलें नष्ट हो जाएगी. आम जनता को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा. भूजल स्तर भी तेजी से नीचे जाएगा, जिससे कुएं और हैंडपंप सूखने लगेंगे. सालो से चला बेतवा नदी बचाने का ड्रामा , सिर्फ फोटो सेशन तक ही सीमित रहा.
कैसे हो सकता है सुधार?
बेतवा नदी को अभी भी बचाने के लिए समय कम नहीं है. इसके लिए नदी के किनारे वृक्षारोपण बढ़ाया जाए, पेड़-पौधों की कमी से भी जल वाष्पीकरण तेजी से होता है. अगर बेतवा के किनारे घने वृक्षारोपण किए जाएं, तो जल संरक्षण में मदद मिलेगी. इसके साथ ही, लोगों को जल संरक्षण और नदी बचाने के लिए प्रेरित करना होगा. जब तक जनता इस लड़ाई में शामिल नहीं होगी, तब तक सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती.
ये भी पढ़ें :- मध्य प्रदेश में पुलिस ने हिरासत में लिया भाजपा नेता, जानिए क्या है मामला
क्या कर सकती है सरकार
बेतवा को बचाने के लिए सरकार को बेतवा का चौड़ीकरण और गहरी करण करने की जरूरत है. सरकार द्वारा बेतवा का चौड़ीकरण और गहरीकरण करने की जरूरत है जिससे बेतवा में पानी 12 महीने बना रहे आसपास के अतिक्रमण को हटाकर बेतवा का विशाल रूप देना होगा. बेतवा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि विदिशा और मध्यप्रदेश की धरोहर है. अगर समय रहते हमने इसे बचाने के लिए कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियां सिर्फ सूखी नदी का इतिहास ही पढ़ेंगी.
ये भी पढ़ें :- Gwalior: अस्पताल कर्मचारी को पहले पार्किंग में मारा, फिर कार में बनाया बंधक और दो घंटे तक घुमाते-घुमाते की पिटाई... जानें- पूरा मामला