Betul Sprouted Food Family : मध्य प्रदेश के बैतूल में अब से 26 साल पहले कुछ समाजसेवियों और पत्रकारों ने गरीब मरीजों, बीमारों के लिए एक योजना की शुरुआत की थी, जिसने बीते 26 सालों में लाखों मरीजों को फायदा पहुंचाता है. बैतूल के समाजसेवियों ने यहां जिला अस्पताल में भर्ती होने वाले आम और खास मरीजों की सेवा के लिए अपनी समाज सेवा की खास मिसाल पेश की है. हर सुबह घड़ी की सुईया आठ बजाती है, और यहां शुरू हो जाता है सेवा का सिलसिला. यहां पिछले 26 सालों से हर सुबह लगातार किये समाजसेवी मरीजों को पोषक तत्वों से बना अंकुरित आहार वितरित कर रहे हैं. आज इस योजना को पूरे 26 साल पूरे होकर नए साल की शुरुआत के साथ इसका 27 वें साल में प्रवेश हो गया.
500 मरीजों को बांटा जाता है अंकुरित आहार
हर दिन यहां जिला अस्पताल में करीब 500 मरीजों को सुबह 8 बजते ही अंकुरित आहार बांटना शुरू कर दिया जाता है. पोषक तत्वों से बने आहार को लेकर सेवाकर्मी सबसे पहले आठ बजे अस्पताल पहुंचते हैं. फिर सेवा भावना के लिए छोटी सी प्रार्थना की जाती है. उसके बाद एक दर्जन से ज्यादा सेवाभावी सदस्य साथ लाए आहार को दोनों में भरकर हर वार्ड में पहुंचकर मरीज और उनके परिजनों को अंकुरित आहार बांटते हैं. सेवाभावी सदस्यों का यह कारवा बढ़ता ही जा रहा है.
यह सिलसिला कभी नहीं रुकता
ठंड हो गर्मी हो या बारिश हो अंकुरित आहार बांटने का यह सिलसिला कभी रुकता नहीं है. हालांकि, कोविड के दौरान बीच मे यह कार्य रुक गया था. इसके लिए शादी की सालगिरह बर्थडे पुण्यतिथि लोग अस्पताल में ही मानते हैं. अपने परिजनों की खास तिथियों पर नाम मात्र का शुल्क 500 रुपये देकर लोग इस योजना में शामिल हो जाते हैं.
अंकुरित आहार मिलना है तय
आहार योजना की खूबी यही है कि सेवाभावियों की सेवा का यह संकल्प आज तक टुटा नहीं. समय की पाबंदी इस परिवार की खास पहचान है, तभी तो अस्पताल का सरकारी नाश्ता मरीजों और उनके परिजनों को मिले या न मिले अंकुरित आहार परिवार की यह सौगात हर दिन वक्त पर हर मरीज के बिस्तर तक पहुंच जाती है.
एडवांस बुकिंग होती है
दरअसल, यह परिवार हर दिन के लिए अपना मीनू तैयार कर लेता है. पौष्टिक आहार के रूप में कभी मुंग तो कभी चना तो कभी सोयाबीन जैसा अनाज भिगोकर उसे अंकुरित कर उसे हल्का चटपटा बनाकर परोसा जाता है. योजना की सफलता का अंदाजा इसी से लगता है की 26 साल से चल रही योजना में आज भी काफी दिन की एडवांस बुकिंग है. जाहिर है एक अच्छी पहल ने प्रेरणादायी शक्ल अख्तियार कर ली. लोग जुड़ते गए और कारवां बनता चला गया. अशोक सायरे सदस्य (अंकुरित आहार परिवार के सदस्य) का कहना है कि अंकुरित आहार परिवार में बैतूल के अलावा अन्य कई जगह के लोग जुड़े हुए हैं जन्मदिन पुण्यतिथी विशेष अवसर पर लोग अन्य का दान करते हैं, जिसके कारण थे 20 साल से लगातार यह सिलसिला जारी है.
ये भी पढ़ें- 50 हजार की रिश्वत लेते हुए भ्रष्ट लेखपाल हुआ ट्रैप, मऊगंज विकासखंड कार्यालय में लोकायुक्त का छापा
'तत्कालीन कलेक्टर डीएस राय ने इसकी शुरुआत की थी'
जयंती लाल गोठी (सदस्य अंकुरित आहार परिवार ) का कहना है की अंकुरित आहार परिवार की शुरुआत 1 जनवरी 1999 को हुई थी. उस समय के तत्कालीन कलेक्टर डीएस राय ने इसकी शुरुआत की थी .उसके बाद इससे लोग जुड़ते गए और हम लोग सुबह आकर मरीजों और उनके परिजनों को पौष्टिक आहार के रूप में अंकुरित आहार वितरित करते हैं. कभी पोहा और दलिया भी देते हैं.