
MP Water Crisis: मध्य प्रदेश के बालाघाट के ग्राम सावरझोड़ी में पानी के लिए लोग काफी परेशान हैं. गांव की महिलाओं को भीषण गर्मी में एक-एक घड़ा पानी लाने के लिए बस्ती से एक किलोमीटर दूर जाना पड़ रहा है. 40 से 42 डिग्री सेल्सियस तापमान में महिलाएं पानी भरने के लिए मजबूर हैं. ग्राम सावरझोड़ी के लोगों ने पानी की व्यवस्था के लिए सरकार से गुहार लगा रही है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की शुरूआत की थी. इसकी टैगलाइन हर घर जल था. वहीं केंद्र सरकार का लक्ष्य था कि साल 2024 तक हर घर नल में जल पहुंचाया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद 2025 में भी कई गांव के लोग पानी के लिए काफी परेशान हैं. वहीं ग्रामीणों को पानी लाने के लिए दूसरे गांव में भटकना पड़ रहा है.
एनडीटीवी की टीम बालाघाट जिले के विधानसभा क्षेत्र परसवाडा मुख्यालय से महज दस किलोमीटर दूर वन ग्राम सावरझोड़ी में पहुंचा. यहां पर ग्रामीण झिरिया से पानी लाकर पीने को मजबूर हैं.
ग्राम सांवर झोडी में ठप है नल जल योजना
बता दें कि गांव की जनसंख्या लगभग 400-500 बताईं जा रही है, जो खेत में बने झिरिया के पानी से अपना और अपने मवेशियों का प्यास बुझाते हैं. गांव में नल जल योजना के तहत पाइप टंकी तो लगा दिया गया है, लेकिन पानी नहीं है.
हैंडपंप से आता है गंदा पानी
गांव में पांच हैंडपंप भी है, लेकिन वहां भी हवा हीं उगलती है. एक हैंड पंप चालू है, लेकिन उसका पानी पीने योग्य नहीं है, जिसका पानी बहार के निस्तार के लिए उपयोग करते हैं और पीने के लिए गांव से एक किलोमीटर दूर खेत में बने झिरिया से पानी लाने को मजबूर हैं.
पीने के पानी के लिए जाना पड़ता है दूर
ग्रामीणों का कहना है कि लोगों को पीने के पानी के लिए 1 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. हालांकि ये पानी खेत में बने झिरिया से लाते हैं.
ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर जनपद से लेकर जिले तक के अधिकारियों सहित विधायक, सांसद और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को कई बार अवगत कराए हैं. वहीं इस समस्या से निजात पाने के लिए भी गुहार लगाई गई है, लेकिन उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इधर, ग्रामीणों ने भी पानी की समस्या से निजात पाने के लिए सरकार से गुहार लगा रही हैं.