Madhya Pradesh News : बालाघाट जिले में बैहर क्षेत्र के वनांचलों (Forest Area) में रहने वाली विशेष जनजाति बैगा (Special Backward Tribe Baiga) के उत्थान और उनके जीवन निर्वाह के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. आदिवासियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ पाने के लिए बैगा समाज के लोग शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं. जिसका हालिया नजारा कलेक्ट्रेट कार्यालय में देखने को मिला है. यहां बैहर क्षेत्र के विभिन्न गांवों से आए ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर, योजनाओं का लाभ दिलवाने की गुहार लगाई.
पोषण आहार योजना से अभी भी वंचित हैं कई महिलाएं
कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची बैहर क्षेत्र की महिला तुरसना बाई मरकाम, देवान बाई और संपत्ति बाई बैगा ने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा प्रतिमाह पोषण आहार के के लिए एक हजार रुपये की राशि दिए जाने का नियम है. योजना के तहत उन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपये की राशि मिलनी चाहिए. लेकिन किसी महीने वह राशि मिलती है, तो वहीं दो-तीन महीनों तक यह राशि नहीं मिलती. इन महिलाओं का कहना है कि इसकी वजह से उन्हें आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा ऐसी कई बैगा आदिवासी महिलाएं हैं, जिन्हें अब तक इस योजना में शामिल नहीं किया गया है.
सरपंच-सचिव नहीं देते हैं ध्यान
महिलाओं ने बताया कि उन्होंने कई बार आवेदन करा है, इसके बाद भी उन्हें पोषण आहार योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस समस्या के चलते वे अपने बच्चों का लालन-पालन ठीक ढंग से नहीं कर पा रही हैं. उन्होंने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए सरपंच और सचिव के पास भी जाते हैं, लेकिन वे लोग भी उनकी ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसी वजह से मजबूरन उन्हें बालाघाट मुख्यालय पहुंचना पड़ा.
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