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MP अजब है, जबलपुर गजब है! यहां छुट्‌टी के दिन पेड़ के नीचे हुआ जमानत का खेल, तहसीलदार गायब, दिखा बाबू'राज'

Jabalpur News: तहसीलदार साहब जबलपुर में रहते हैं और छुट्टी के दिन अदालत नहीं आते. ऐसे में यह बाबू अकेले ही जमानत की पूरी प्रक्रिया संचालित करता है. पुलिस भी आरोपियों को इसी बाबू के पास लेकर आती है और उससे ही जमानत करवा कर चली जाती है.

MP अजब है, जबलपुर गजब है! यहां छुट्‌टी के दिन पेड़ के नीचे हुआ जमानत का खेल, तहसीलदार गायब, दिखा बाबू'राज'
Bail on Holiday: जबलपुर में बाबू का बड़ा कारनामा!

Jabalpur News: जबलपुर की बेलखेड़ा तहसील में प्रशासनिक लापरवाही और नियमों की धज्जियां उड़ने का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां छुट्टी के दिन भी न्याय (Justice) का खेल खुलेआम चल रहा है, वो भी पेड़ के नीचे. प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना रविवार की है जब बेलखेड़ा पुलिस एक युवक को उसकी पत्नी की शिकायत पर गिरफ्तार कर शहपुरा-भिटोनी तहसील न्यायालय (Court) में पेश करने लाई. चौंकाने वाली बात यह रही कि अवकाश के दिन तहसील कार्यालय बंद होने के बावजूद एक प्राइवेट आउटसोर्स बाबू ने खुले मैदान में पेड़ के नीचे बैठकर आरोपी की जमानत की प्रक्रिया पूरी कर दी.

क्या है मामला?

सूत्रों के अनुसार यह सिलसिला महीनों से चल रहा है. बताया गया है कि तहसीलदार साहब जबलपुर में रहते हैं और छुट्टी के दिन अदालत नहीं आते. ऐसे में यह बाबू अकेले ही जमानत की पूरी प्रक्रिया संचालित करता है. पुलिस भी आरोपियों को इसी बाबू के पास लेकर आती है और उससे ही जमानत करवा कर चली जाती है.

बाबू का लोगों से कहना है कि वह नायब तहसीलदार रविन्द्र पटेल के मोबाइल पर निर्देश मिलने के बाद ही जमानत की कार्रवाई करता है.

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अब सवाल यह है कि

  • क्या प्रशासन की जानकारी में यह सब पहले से चल रहा था?
  • क्या छुट्टी के दिन 'बाबू न्यायालय' की मान्यता है?
  • सबसे बड़ा सवाल – आम जनता न्याय के लिए किस पर भरोसा करे?

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कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने भी मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि यदि दोष सिद्ध हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा भी मामले की जांच का आश्वासन दे रहे हैं. यह मामला न केवल सरकारी प्रक्रिया की गिरती साख को दर्शाता है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करता है कि कानून का राज कागजों तक ही सीमित तो नहीं रह गया है?

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