Mahakal Bhasma Aarti: श्रावस मास में बदल जाएगा भस्म आरती का समय, बाबा महाकाल का ऐसे कर सकते हैं अभिषेक

Mahakal Bhasma Aarti Timing: हिंदू धर्म में सावन को भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ और प्रिय माह माना गया है. इस महीने में भक्त शिवजी की पूजा और भक्ति में लगे रहते हैं. वहीं सावन के सोमवार को व्रत रखने और पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है.

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Mahakal Bhasma Aarti Ujjain: सावन माह में बदला भस्म आरती का समय

Mahakal Bhasma Aarti Ujjain: श्रावण मास में शिव आराधना का विशेष महत्व माना जाता है. इसीलिए मध्य प्रदेश स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना तय है. इसी को देखते हुए प्रतिदिन तड़के होने वाली भस्म आरती प्रत्येक सोमवार को आधा घंटा पूर्व होगी. वहीं दर्शन व्यवस्था के रास्ते भी परिवर्तित होंगे.
इस बार 11 जुलाई से श्रावण माह शूरू हो रहा है जो 9 अगस्त तक चलेगा. 29 दिनों के इस श्रावण मास में 4 सोमवार आएंगे. जिसमें करीब 75 लाख श्रद्धालुओं के बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आने का अनुसान है. इसलिए जहां सामान्य दिनों में बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए रात तीन बजे पट खोले जाते हैं. वहीं श्रावण मास में सिर्फ सोमवार को 2.30 बजे पट खोले जाएंगे. वहीं इस दौरान प्रतिदिन करीब दो लाख दर्शनार्थियों का आना तय होने पर मंदिर में प्रवेश के मार्ग भी परिवर्तित रहेंगे.

श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती का समय

श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा. प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा. भस्म आरती प्रतिदिन प्रात: 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी. इस दौरान भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम कर कार्तिकेय मण्डपम की अन्तिम तीन पंक्तियों से चलित दर्शन की व्यवस्था रहेगी.

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जल अर्पित कर सकेंगे भक्त

श्रावण भादौ माह में भक्तों की संख्या को देखते हुए जल पात्र की संख्या बढ़ाई जाएगी. जिससे अधिक श्रद्धालु लगे जल अर्पित कर सकेंगे जो पाइप द्वारा मंदिर के गर्भगृह में लगे अभिषेक पात्र के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी को अर्पित होगा. वहीं गणेश मण्डप में भी पटलों पर पात्र रखा जाएगा जिससे सभी श्रद्धालु द्वारा चढ़ाया जल बाबा को अर्पित हो सके.

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ऐसी रहेगी दर्शन व्यवस्था

आम श्रद्धालू त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नंदीद्वार, महालोक - मानसरोवर भवन - फैसेलिटी सेंटर 1 टनल मंदिर परिसर - कार्तिक मण्डपम होते हुए गणेश मण्डपम से बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे. भारत माता मंदिर की ओर से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर करेंगे. शीघ्र दर्शन (250 रुपये में ) टिकिटधारी श्रद्धालू  4 नंबर गेट से विश्रामधाम - रेम्प - सभामण्डपम् होते हुए - गणेश मण्डपम् से दर्शन करेंगे.

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कावड़ यात्रियों की दर्शन व्यवस्था

श्री महाकाल मंदिर में श्रावण-भादौ मास में बड़ी संख्या में कावड़ यात्री आते है. इसीलिए पूर्व सूचना देने पर कावड़िए शनि, रवि ओर सोमवार छोड़कर द्वार नंबर 4 से प्रवेश दिया जाकर विश्रामधाम- रेम्प- सभा मण्डपम् में जल पात्र के माध्यम से बाबा महाकाल को जल अर्पण करेंगे. वहीं बिना सूचना या शनिवार, रविवार, सोमवार को आने वाले कावड़ यात्रियों की दर्शन व्यवस्था सामान्य श्रद्धालु की भांति निर्धारित रहेगी. 

वीवीआईपी दर्शन व्यवस्था

श्रावण-भादौ मास में आगंतुक विशिष्ट/अतिविशिष्ट श्रद्धालु नीलकण्ठ मार्ग से होते सत्कार कक्ष में पहुंचेंगे इसके बाद निर्माल्य द्वार से महाकाल मंदिर में प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार के रास्ते नगाड़ा गेट से नंदी मण्डपम्/गणेश मण्डपम् के प्रथम बैरिकेट से दर्शन कर सकेंगे.

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