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Negligence: ये क्या हुआ? नवजात आंगनवाड़ी सहायिका; नाबालिग लड़की को बना दिया कार्यकर्ता, जानिए मामला

MP News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, यहाँ सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से जन्म लेते ही एक नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई है. यह सब कुछ सरकारी रिकॉर्ड में हुआ है. सरकारी पोर्टल में भी दर्ज है. वहीं 15 साल की नाबालिग बच्ची को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है.

Negligence: ये क्या हुआ? नवजात आंगनवाड़ी सहायिका; नाबालिग लड़की को बना दिया कार्यकर्ता, जानिए मामला
Negligence: ये क्या हुआ? नवजात आंगनवाड़ी सहायिका; नाबालिग लड़की को बना दिया कार्यकर्ता, जानिए मामला

Madhya Pradesh News: अजब एमपी के गजब कारनामे हैं. एक बार फिर इस अजब प्रदेश के कारनामे देखकर हर कोई हैरत में पड़ सकता है. मध्यप्रदेश राज्य में जितना सरकारी विभाग की लचर व्यवस्था है, उतना शायद अन्य प्रदेश में नहीं है, इसीलिए तो इस प्रदेश को अजब-गजब की उपाधि से नवाजा गया है. यहां के सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से जन्म लेते ही एक नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई, इतना ही नहीं 15 साल की उम्र में एक बच्ची को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है. यह सुनकर आप चौंक गए होंगे, हम भी चौंक गए थे. लेकिन यह मध्यप्रदेश है, यहां कुछ भी हो सकता है, जानिए क्या है पूरा मामला.

ऐसे समझिए पूरा खेल

मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, यहाँ सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था की वजह से जन्म लेते ही एक नन्ही परी को आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्ति दे दी गई है. यह सब कुछ सरकारी रिकॉर्ड में हुआ है. सरकारी पोर्टल में भी दर्ज है. वहीं 15 साल की नाबालिग बच्ची को भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति दी गई है. सब कुछ सरकारी रिकार्ड में दर्ज है. यह सबकुछ कैसे संभव हो सकता है? सुनकर हर कोई हैरान है, लेकिन यह सच है. सरकारी पोर्टल में भी इसका प्रमाण मौजूद है.

MP News: अजब-गजब मध्य प्रदेश

MP News: अजब-गजब मध्य प्रदेश

कहां का है मामला?

ये मामला चितरंगी ब्लॉक के धानी गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का है. जहाँ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पचवती की नियुक्ति सरकारी पोर्टल में 22 जुलाई 1988 को दर्ज है जबकि उनकी उम्र 10 /10/1973 है, यानी 15 साल की उम्र में पचवती को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्ति मिल गई. वहीं आंगनबाड़ी सहायिका सोनकली देवी की नियुक्ति 22 जुलाई 1988 है जबकि इनका जन्मतिथि भी 22 जुलाई 1988 की है यानी जन्म लेते ही इनकी नियुक्ति आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर हुई है. यह संभव हुआ है सरकारी पोर्टल में, फिलहाल मामला सामने आने के बाद सरकारी सिस्टम की लापरवाही उजागर हुई है.

अधिकारियों का क्या कहना है?

अधिकारी कहते है कि यह कंप्यूटर ऑपरेटर की लापरवाही की वजह से गलत फीड हुआ है, फिलहाल जांच का विषय है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की लचर व्यवस्था से कब तक विभाग सरकारी योजनाओं को जन जन तक पहुँचाने में सफल हो पायेगा. सिंगरौली महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी जितेंद्र गुप्ता ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. कंप्यूटर ऑपरेटर की लापरवाही की वजह से यह गलत फीड हो गया है. इसे जल्द ही सुधार कर, अपडेट कर दिया जायेगा.

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