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Indore Loksabha Seat: जानिए कौन है डॉ. अक्षय कांति बम, जिसे कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट से बनाया है प्रत्याशी

Akshay Kanti Bam News: समाजसेवी परिवार में जन्म होने के कारण डॉ. अक्षय कांति बम पर बचपन से पारिवारिक पृष्ठभूमि का प्रभाव रहा.  बचपन से ही राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में बड़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहें. डॉ. अक्षय कांति बम ने 23 वर्ष की आयु में कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता और उसे रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2003 में 'इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ़ लॉ' की स्थापना की.

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Indore Loksabha Seat: जानिए कौन है डॉ. अक्षय कांति बम, जिसे कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट से बनाया है प्रत्याशी

Congress Leader Akshay Kanti Bam: कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के लिए 12 और लोकसभा प्रत्याशियों के नामों के ऐलान कर दिया. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अब तक 22 उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार चुकी है. हालांकि, अभी 6 और प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाना बाकी है. वहीं, पार्टी ने खजुराहो (Khajuraho) की एक सीट गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को दी है. पार्टी ने जिन 12 नामों का ऐलान किया है, उनमें सबसे  इंदौर से डॉ. अक्षय कांति बम को उम्मीदवार बनाया है.
आइए, जानते हैं कौन है डॉ. अक्षय कांति बम ?

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Ph.D. हैं अक्षय बम

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर शहर (Indore City) के सफल उद्यमी, युवा नेता और कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के इंदौर लोकसभा क्षेत्र (Indore Parliamentry Constituency) के प्रत्याशी 45 वर्षीय डॉ. अक्षय कांति बम (Dr. Akshay kanti bam) का जन्म इंदौर शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी (Social Worker) बम परिवार के कांतिलाल बम के यहां हुआ था. डॉ. अक्षय कांति बम की प्रारंभिक शिक्षा इंदौर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान Daly College Indore में हुई. इसके बाद उन्होंने मुंबई के प्रसिद्ध sydenham कॉलेज से B.com (Hons) Qj देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से LL.B (Hons) एवं MBA (Public Administration) में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त कर प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त किया. उच्च शिक्षा के इसी क्रम में श्रीधर यूनिवर्सिटी पिलानी राजस्थान से Management में Ph.D. की उपाधि प्राप्त की.

समाजसेवी परिवार से है संबंध

समाजसेवी परिवार में जन्म होने के कारण डॉ. अक्षय कांति बम पर बचपन से पारिवारिक पृष्ठभूमि का प्रभाव रहा.  बचपन से ही राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में बड़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहें. डॉ. अक्षय कांति बम ने 23 वर्ष की आयु में कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता और उसे रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से वर्ष 2003 में 'इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ़ लॉ' की स्थापना की. इसके बाद वर्ष 2006 में इंदौर नर्सिंग कॉलेज और 2010 में आइडिलिक इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट की स्थापना की. 21 वर्षों के कठिन परिश्रम से इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ को सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. इंस्टीट्यूट से निकले हजारों अधिवक्ता और सैकड़ों न्यायाधीश देश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.  सभी कॉलेज से लगभग 15000 छात्रों के परिवार से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.

समाजसेवी संस्था "संस्था केशरिया" के संरक्षक है बम

डॉ. अक्षय कांति बम इंदौर शहर की बुलंद आवाज माने जाते हैं. वह समय-समय पर जनता के हितों से जुड़े मुद्दों को वह मुखरता से उठाते रहे हैं और सरकार को आईना भी दिखाते आए हैं.  डॉ. अक्षय कांति बम इंदौर शहर की सुप्रसिद्ध समाजसेवी संस्था "संस्था केसरिया" के संरक्षक भी हैं. संस्था केसरिया के माध्यम से अक्षय बम निराश्रित और निर्धन विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, पठन-पाठन सामग्री और उनके कैरियर मार्गदर्शन के लिए कैरियर काउंसलिंग की निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाते हैं. संस्था के माध्यम से शहर के चिन्हित जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क राशन वितरित किया जाता है. महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से संस्था द्वारा महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसके अलावा निशुल्क सिलाई मशीन का वितरण किया जाता है. गरीब छात्रों को निशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण, पानी के टैंकर के माध्यम से निशुल्क पेयजल वितरण, स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से गरीब और बेसहारा लोगों के निशुल्क आंख के ऑपरेशन, धार्मिक श्रद्धालुओं को निशुल्क तीर्थ स्थल की यात्रा करवाई जाती है.

मिल चुके हैं ये अवार्ड

डॉ. अक्षय कांति बम को सन् 2017 में  Entrepreneur of the year Award से भी नवाजा जा चुका है. 2019 में ICON of MP के अवॉर्ड से नवाजा गया.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस ने MP की 12 सीटों पर उम्मीदवारों का किया ऐलान, राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को मिला टिकट, देखें पूरी लिस्ट
 

कांग्रेस ने इन नेताओं पर जताया भरोसा

इस बार कांग्रेस ने जिन नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा है, उनमें राजगढ़ से दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh), सागर से गुड्डू राजा बुंदेला (Guddu Raja Bundela), रीवा से नीलम मिश्रा (Neelam Mishra), शहडोल से फुंदे लाल मार्को (Phundelal Singh Marko), उज्जैन से महेश परमार (Mahesh Parmar), जबलपुर से दिनेश यादव (Dinesh Yadav), मंदसौर से दिलीप सिंह गुर्जर (Dilip Singh Gurjar),  भोपाल से अरुण श्रीवास्तव (Arun Shrivastava), बालाघाट से सम्राट सारस्वत (Samrat Saraswat), होशंगाबाद से संजय शर्मा (Sanjay Sharma),  रतलाम से कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) और इंदौर से अक्षय बम (Akshay Bam) चुनाव में मैदान में उतारा है. 

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