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जबलपुर की इस सीट में कांग्रेस-भाजपा का खेल बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं AIMIM के 'गज्जू भैया'

जबलपुर पूर्व विधानसभा सीट पर यूं तो सबसे अधिक मतदाता अनुसूचित जाति से हैं, लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय निर्णायक भूमिका में है. मुस्लिम आबादी सबसे अधिक इसी जिले में है. घनघोरिया इस सीट पर दो बार चुनाव जीत चुके हैं और दोनों ही बार उन्होंने सोनकर को पराजित किया है. दोनों के बीच क्षेत्र में लंबे समय से राजनीतिक वर्चस्व को लेकर स्पर्धा भी रही है.

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जबलपुर की इस सीट में कांग्रेस-भाजपा का खेल बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं AIMIM के 'गज्जू भैया'

Madhya Pradesh Assembly Election 2023 :  अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित जबलपुर जिले की एकमात्र सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है, लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने एक 'मजबूत' उम्मीदवार को यहां के विधानसभा चुनाव (MP Election 2023) में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि जबलपुर पूर्व विधानसभा सीट पर यूं तो सबसे अधिक मतदाता (Voters) अनुसूचित जाति से हैं लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय निर्णायक भूमिका में है। जिले में सबसे अधिक मुसलमान इसी विधानसभा में हैं.

कौन-कौन उम्मीदवार हैं चुनावी मैदान में?

भाजपा ने इस सीट पर पूर्व मंत्री और पांच बार के विधायक अंचल सोनकर (Anchal Sonkar) को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया (Lakhan Ghanghoriya) पर फिर एक बार भरोसा जताया है. घनघोरिया इस सीट पर दो बार चुनाव जीत चुके हैं और दोनों ही बार उन्होंने सोनकर को पराजित किया है. दोनों के बीच क्षेत्र में लंबे समय से राजनीतिक वर्चस्व को लेकर स्पर्धा भी रही है. इस, सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बाल किशन चौधरी को टिकट दिया है.

वहीं जबलपुर पूर्व सीट पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार गजेन्द्र सोनकर 'गज्जू भैया' ऐसे ‘मजबूत' उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं जो कांग्रेस और भाजपा के दोनों दिग्गजों का खेल बिगाड़ने का माद्दा रखते हैं.

खेल बिगाड़ने की ताकत रखते है 'गज्जू भैया'

'गज्जू भैया' की क्षेत्र में अपनी एक 'विशेष' पहचान है, साथ ही वह 'धनबल' से भी मजबूत हैं. स्थानीय लोग कहते हैं कि इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस . भाजपा में कांटे की टक्कर है और मुकाबला त्रिकोणीय भी नहीं है लेकिन 'गज्जू भैया' खेल बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. उनका कहना है कि वह सोनकर समाज (खटीक) से हैं और क्षेत्र में अल्पसंख्यक मतदाताओं की अच्छी खासी तादाद भी है, लिहाजा यह कहना मुश्किल है कि वह किसका खेल बिगाड़ेंगे.

क्षेत्र के अधिकांश मतदाताओं का मानना है कि 'गज्जू भैया' कांग्रेस के लखन घनघोरिया का ही खेल बिगाड़ेंगे क्योंकि वह पहले कांग्रेस में थे लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि वह दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

एआईएमआईएम ने प्रदेश में उतारे चार उम्मीदवार

एआईएमआईएम ने पहले घोषणा की थी कि वह मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. लेकिन पार्टी ने बाद में राज्य की चार विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए. इन सभी सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं (Muslim Voters) की अच्छी खासी तादाद है.

एआईएमआईएम पार्टी ने जबलपुर पूर्व के अलावा बुरहानपुर, इंदौर एक और इंदौर पांच विधानसभा क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारे हैं.

इस सीट का गणित

2018 के विधानसभा चुनाव में घनघोरिया ने सोनकर को 35,000 से ज्यादा मतों से पराजित किया था जबकि 2013 के चुनाव में सोनकर ने करीब 1,100 मतों से घनघोरिया को पटखनी दी थी. 2008 में पहली बार घनघोरिया का मुकाबला सोनकर हुआ था जिसमें वह विजयी रहे थे. जबलपुर की इस विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2.04 लाख से अधिक है. इनमें 1.18 लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. यहां विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण में 17नवंबर को मतदान होगा और नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

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