मध्य प्रदेश के नीमच शहर में जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सरकारी जमीन को मुक्त कराया है. यह बीघा से 6 बीघा से अधिक है, जिसकी कीमत 65 करोड़ रुपये से भी ज्यादा बताई जा रही है. प्रशासन ने कार्रवाई तब की है, जब कई बार नोटिस और बेदखली के आदेश के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया. यह नीमच शहर की स्कीम-36 स्थित शासकीय सर्वे नंबर 23 एवं 24 की लगभग 6 बीघा से अधिक सरकारी भूमि है.

सरकारी जमीन पर था भट्ठा
प्रशासनिक जानकारी के अनुसार, सरकारी भूमि पर रामप्रसाद ग्वाला ने लंबे समय से अवैध कब्जा कर ईंट-भट्टा संचालित कर रखा था. मामले में 1 मई को बेदखली का आदेश जारी किया गया था, लेकिन इसके बावजूद कब्जेदार द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया.
इसके बाद प्रशासन ने 7 दिन पहले अंतिम नोटिस जारी कर स्वयं अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए, लेकिन चेतावनी को भी नजरअंदाज किया गया.
मौजूद रहा प्रशासनिक अमला
कलेक्टर हिमांशु चंद्रा के स्पष्ट निर्देशों के बाद आज जिला प्रशासन एवं नगर पालिका की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर सख्त कार्रवाई करते हुए अवैध कब्जा हटाया और शासकीय भूमि को अपने कब्जे में लिया. कार्रवाई के दौरान मौके पर एसडीएम संजीव साहू, तहसीलदार संजय मालवीय, अजेंद्रनाथ प्रजापत, नगर पालिका सीएमओ दुर्गा बामनिया, पटवारी एवं नगर पालिका के कर्मचारी मौजूद रहे.
कार्रवाई के चलते क्षेत्र में कुछ समय के लिए हलचल की स्थिति बनी रही, लेकिन प्रशासन की मुस्तैदी से कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे के मामलों में आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और किसी भी स्तर पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.