
51st Khajuraho Dance Festival: मध्य प्रदेश में 51वें खजुराहो नृत्य समारोह का शुभारंभ हो गया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ईश्वर की साधना को समर्पित वृहद शास्त्रीय नृत्य मैराथन गिनीज विश्व रिकॉर्ड से नृत्य साधकों का मान बढ़ेगा. देश की संस्कृति और नृत्यसाधको के लिए गौरव का क्षण है. सीएम ने कहा कि गिनीज विश्व रिकॉर्ड से पूरा विश्व भारत की विविध और समृद्ध संस्कृति से प्रकाशमान होगा. 24 घंटे 9 मिनट 26 सेकंड तक 139 नृत्य कलाकारों की अविरल और साधना से बना विश्व रिकॉर्ड न सिर्फ कला साधकों का हौसला बढ़ाएगा बल्कि शासन के संस्कृति और विरासत को सहेजने के प्रयासों को भी गति देगा.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बुंदेलखंड की धरती पावन और पवित्र है. बुंदेलखंड की धरती पर पत्थर भी चमकता है तो हीरा कहलाता है. मनुष्य चमकता है तो बुंदेला कहलाता है. वैसे ही बुंदेलखंड में नृत्य होता है तो वह अंतर्राष्ट्रीय खजुराहो नृत्य समारोह कहलाता है.
'शास्त्रीय नृत्यों का सृजन भगवान की साधना के लिए किया गया है'
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शास्त्रीय नृत्यों का सृजन भगवान की साधना के लिए किया गया है. जैसे कथकली में भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला, जीवन, और गतिविधियों को दिखाया जाता है. वहीं भगवान नटराज ने तांडव नृत्य और आनंद नृत्य का सृजन किया है. आज बने गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड में शास्त्रीय नृत्य की सतत प्रस्तुति से समय की निरंतरता को भी प्रदर्शित किया है. जिस तरह ब्रह्मांड में आकाशगंगा ब्लैक होल की ओर बढ़ती है और सौरमंडल में सूर्य एवं अन्य गृह अपनी गति से चलायमान है. समय को परमात्मा का स्वरूप माना गया है इसलिए समय का सदुपयोग जीवन में सबसे आवश्यक है.
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कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, ओडिसी नृत्यों की प्रस्तुति से बना रिकॉर्ड
गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास 19 फरवरी, 2025 को दोपहर 2:34 बजे आरम्भ हुआ जिसे 20 फरवरी, 2025 दोपहर 2:43 तक नृत्यसाधको की निरंतर प्रस्तुति से अंजाम तक लाया गया. इसके परिणाम स्वरूप मध्यप्रदेश के नाम एक ओर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड रच दिया गया. संस्कृति विभाग द्वारा संयोजित गतिविधि में 139 नृत्य कलाकारों ने प्रतिभागिता की और निरंतर 24 घंटे 9 मिनट तक कथक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मोहिनीअट्टम, ओडिसी नृत्यों की प्रस्तुति दी. वृहद शास्त्रीय नृत्य मैराथन (रिले) की अंतिम प्रस्तुति भरतनाट्यम की थी. गिनीज टीम द्वारा इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड घोषित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सौंपा. मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समक्ष सभी 139 नृत्य कलाकारों ने नृत्य की समवेत प्रस्तुति तराना 'अनंत' को प्रदर्शित किया.
इस अवसर पर 51वें खजुराहो नृत्य समारोह के शुभारंभ अवसर पर राज्य रूपंकर कला पुरस्कार प्रदान किए गए.
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