Health Influencer Eating Raw Meat: मानव सभ्यता शुरू होने से पहले और आग का आविष्कार होने तक आदिमानव (Adimanav) जानवरों का कच्चा मांस ( Raw Meat) खाकर ही अपना जीवन जीते थे. हालांकि आज के समय में इसे पकाकर और अनेक तरह से बना कर खाते हैं. इस समय में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो रोज सिर्फ कच्चा मांस ही खाते हैं. उनमें शामिल है फेमस इंस्टाग्राम और टिक टॉक इनफ्लुएंसर द लीवर किंग(The liver king) और डॉ. पॉल सालाडीनो, जिनके सोशल मीडिया पर अच्छे खासे फॉलोवर्स हैं जहां यह कच्चे मांस और पेय पदार्थ को खाने के लिए लोगों को इनफ्लुएंस करते हैं. खासकर ऑर्गन मीट को लेकर लोगों को इन्फ्लुएंस करते हैं. ये इनफ्लुएंसर कच्चे मांस को गुड हेल्थ और अच्छी बॉडी बनाने के पीछे का करण मानते हैं.
इंस्टाग्राम इनफ्लुएंसर ब्रियन जॉनसन जिन्हें लिवर किंग के नाम से जाना जाता है. इनका मानना है कि कच्चा मांस उन्हें ज्यादा एनर्जी और अच्छी डाइजेशन देता है. जॉनसन के टिक टॉक पर तकरीबन 4 मिलियन फॉलोवर्स है, जहां वह अक्सर टेस्टिकल्स खाने की बात करते हैं और अपने टैगलाइन पर हरी सब्जियों को खाने के पीछे का कारण पूछते हैं. पॉल सलैंडिनो जैसे और भी कई लोग हैं, जो कहते हैं कि बिना पाश्चुरीकृत दूध स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा है क्योंकि इसे गर्म करने से इसके मुख्य लाभ समाप्त हो जाते हैं. हालांकि, फूड सेफ्टी एक्सपर्ट्स और हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कच्चे मांस या दूध का सेवन सीरियस हेल्थ रिस्क पैदा करता है. AIIMS भोपाल की हेल्थ एक्सपर्ट डॉ.भावना अहरवार ने बताया कच्चा मांस खाना सेहत के लिए सही है या नही ?
कच्चा मांस खाना सेहत के लिए सही है या नही ?
डॉ.भावना अहरवार ने बताया कि यह एक पॉपुलर धारणा है कि भोजन को गर्म करने या पकाने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, लेकिन यह सभी खाद्य पदार्थों के लिए सच नहीं है. भावना अहरवार आगे बताती है कि अध्ययनों के अनुसार, मांस में प्रोटीन और विटामिन सहित प्रमुख पोषक तत्व सामान्य खाना पकाने के तापमान से प्रभावित नहीं होते हैं, यही कारण है कि स्टेक को पकाने या चिकन ब्रेस्ट को पकाने से खाने के मूल न्यूट्रीशनल में कोई बदलाव नहीं होता है.
लेकिन कच्चा मांस खाने का जोखिम पके हुए मांस की तुलना में अधिक है. एक्सपर्ट का कहना है कि कच्चा मांस आपको राउंडवॉर्म और टेपवर्म जैसे परजीवियों के अलावा कैम्पिलोबैक्टर और साल्मोनेला से संक्रमित कर सकता है, जिसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह आपके लिए डेंजरस भी हो सकता है.
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र या सीडीसी के अनुसार, कैम्पिलोबैक्टर, एक जीवाणु जो कैम्पिलोबैक्टीरियोसिस का कारण बनता है, दुनिया भर में दस्त संबंधी बीमारी का सबसे आम जीवाणु कारण है. इसके अलावा, साल्मोनेला, जो आम तौर पर जानवरों और मनुष्यों की आंतों में रहता है, कच्चा या अधपका मांस, मुर्गी या अंडे खाने या कच्चा दूध पीने से गंभीर संक्रमण का कारण बनता है. सीडीसी का यह भी कहना है कि दुनिया भर में हर साल 60 मिलियन से भी ज्यादा लोग फूड पॉइजनिंग जैसी बीमारियों से बीमार पड़ते हैं.
इसके अलावा, बैक्टीरिया के अलावा, कच्चे मांस में तांबे और विटामिन ए बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है, जिसकी अधिक मात्रा हेल्थ पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है.
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