विज्ञापन
Story ProgressBack

Guru Nanak Jayanti 2023 : गुरु नानक देव के हैं ये अनमोल वचन, जिसे अपनाकर आप भी जीवन को बना सकते हैं सरल

Guru Nanak Dev Ji: जीवन में सत्य की खोज की तलाश में जुटे गुरु नानक देव जी ने अपने शिष्यों के साथ देश-विदेश की यात्राएं की थी. इसके साथ ही भारत के चारों दिशाओं में सभी प्रमुख स्थानों की यात्राएं कीं. इस दौरान गुरु नानक ने अपने कई विचार भी व्यक्त किए, जिन्हें आज हम आपसे साझा कर रहे हैं.

Read Time: 4 min
Guru Nanak Jayanti 2023 : गुरु नानक देव के हैं ये अनमोल वचन,  जिसे अपनाकर आप भी जीवन को बना सकते हैं सरल

Guru Nanak Dev Ji Quotes: सिक्खों के प्रथमेश पातशाह गुरु नानक देव का जन्म कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन 15 अप्रैल 1469 में हुआ था. रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी राय गांव में तृप्ता देवी की संतान के रूप में जन्म लिया, बाद में उसी स्थान को ननकाना साहिब नाम दिया गया. 

जीवन में सत्य की खोज की तलाश में जुटे गुरु नानक देव जी ने अपने शिष्यों के साथ देश-विदेश की कई यात्राएं की थी. इसके साथ ही भारत के चारों दिशाओं में सभी प्रमुख स्थानों की यात्राएं कीं. इतना ही नहीं गुरु नानक देव ईरान, अफगानिस्तान,अरब और इराक की यात्रा पर भी गए थे. इस दौरान गुरु नानक ने अपने कई विचार भी व्यक्त किए जिन्हें आज हम एक बार फिर याद करेंगे.

किरत करो
इसका मतलब है ईमानदारी से मेहनत कर जीवन जीने के लिए आजीविका कामना. श्रम करने की भावना सिख अवधारणा का केंद्र रहा है. इसे स्थापित करने के लिए नानक जी ने एक अमीर जमीदार के घर भजन करने की बजाय एक गरीब के घर में उसके कठिन श्रम से अर्जित भोजन को करना उचित समझा था और उसे प्राथमिकता दी थी.

वंड शको
इसका मतलब है जरूरतमंदों के साथ अपनी चीजों को साझा करना और उपभोग करना. गुरु नानक देव जी का मानना था कि जो लोग सक्षम है और जिनके पास धन अर्जित करने का रास्ता है, उनकी जिम्मेदारी है कि वे जरूरतमंदों की देखभाल करें. ऐसा करने से आप समाज और समुदाय के लोगों का भला करेंगे.

ये भी पढ़े : Gurunanak Jayanti 2023 : कौन थे खालसा पंथ के 'पंज प्यारे'? जानिए इनकी कहानी

सेवा 
इसका अर्थ है निस्वार्थ सेवा करना. गुरु नानक देव जी निस्वार्थ भाव से सेवा के गुण पर विश्वास करते थे और उनका पालन भी करते थे. उनका विश्वास था कि आपको सच्ची अनुभूति तभी होगी, जब आप निस्वार्थ भाव से किसी की सेवा करेंगे. देशभर में गुरुद्वारे में आज भी परोसे जाने वाले लंगर के पीछे यही विचार है. इसलिए वहां जो भी जाता है, सेवा का भाव जरूर व्यक्त करता है.

ईश्वर सर्वव्यापी हैं
गुरु नानक देव जी के अनुसार मूर्ति पूजा करना जरूरी नहीं था. उनका मानना था कि ईश्वर प्रकृति में हर जगह मौजूद है और इसलिए अगर आप ईश्वर से जुड़ना चाहते हैं, तो उसके लिए मूर्तियां, मंदिरों या मस्जिदों की की जरूरत नहीं है. गुरु नानक जी का यह विचार निचली जातियों को मंदिरों में प्रवेश करने से रोक देने पर आया था. हालांकि , अब कुछ हद तक परिस्थितियां बदल गई है.

समानता
गुरु नानक देव जी अपने इस विचार पर अडिग थे कि भगवान ने सभी को एक समान बनाया है. इसलिए सभी को अपनी जाति ,धर्म और लिंग की परवाह किए बिना एक समान माना जाना चाहिए. अगर आज इस बात को अपना लिया जाए, तो दुनिया जिन समस्याओं का सामना कर रही है, उनमें से अधिकांश अपने आप ही हल हो जाएंगी.

ये भी पढ़े : Gurunanak Jayanti 2023: गुरुनानक जयंती आज, जानिए क्यों मनाते हैं इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में?

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close