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This Article is From Nov 11, 2023

Diwali 2023: दीवाली में ग्रीन पटाखे खरीदते हुए न बने बेवकूफ, ऐसे करें असली और नकली की पहचान

जहां सरकार ने पूरी तरह से प्रदूषण फैलाने वाले सिंथेटिक पटाखों (Synthetic Crackers) पर रोक लगा दी है वहीं मार्केट में सिंथेटिक पटाखा (Synthetic Crackers) निर्माता चोरी छिपे पटाखों को बेचते हैं. इसल‍िए ग्रीन पटाखें खरीदने से पहले आपको असली और नकली ग्रीन पटाखों में अंतर मालूम होना चाह‍िए.

Diwali 2023: दीवाली में ग्रीन पटाखे खरीदते हुए न बने बेवकूफ, ऐसे करें असली और नकली की पहचान
फाइल फोटो

How To Identify Genuine and fake green crackers : जहां सरकार ने पूरी तरह से प्रदूषण फैलाने वाले सिंथेटिक पटाखों (Synthetic Crackers) पर रोक लगा दी है. वहीं मार्केट में सिंथेटिक पटाखा (Synthetic Crackers) निर्माता चोरी छिपे पटाखों को बेचते हैं. सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद सिंथेटिक पटाखे बनाना और इनकी बिक्री करना कानून जुर्म है, लेकिन लोग दिवाली को पटाखों की गूंज के बिना अधूरा मानते हैं. ऐसी स्थिति में अगर आप पर्यावरण के बारे में सोचते हैं तो देखकर ही ग्रीन पटाखे (Green Crackers) लें. नॉर्मल पटाखों की जगह ग्रीन पटाखे ईको (Eco Friendly) फ्रैंडली होते हैं. अगर आप ग्रीन पटाखे खरीदने जाएं तो आपको असली और नकली की पहचान होना जरुरी है. क्‍योंक‍ि सिंथेटिक न सिर्फ पॉल्‍यूशन बढ़ाते हैं बल्कि आपके सेहत के ल‍िए घातक साबित हो सकते है. इसल‍िए ग्रीन पटाखे खरीदने से पहले आपको असली और नकली ग्रीन पटाखों में अंतर मालूम होना चाह‍िए.

ग्रीन और सिंथेटिक पटाखों में अंतर 

ग्रीन पटाखे, सिंथेटिक पटाखों की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं. माना जाता है कि सिंथेटिक पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखों से 30 परसेंट कम धुआं निकलता है. ग्रीन पटाखे फटने के बाद आसपास की धूल को सोख लेते हैं जबकि सिंथेटिक पटाखे ठीक इसके उलटा काम करते हैं. ग्रीन पटाखों में हवा में जहर फैलाने वाला बेरियम नाइट्रेट नहीं होता, जबकि सिंथेटिक पटाखों में इसकी अधिकता होती है. ग्रीन पटाखे कानफाड़ू आवाज नहीं करते जबकि सिंथेटिक पटाखे कान के पर्दे तक पर असर डाल देते हैं.

क्यूआर कोड से मालूम करें

ग्रीन पटाखों में क्यूआर कोड होगा, जिसके जरिए पता चल जाएगा कि कौन सा ग्रीन पटाखा है और कौन सा प्रदूषण ज्यादा फैलाने वाला पटाखा है. ग्रीन पटाखे पर सीएसआईआर नीरी लोगो लगा रहता है. इस लोगो को पहचानने के लिए गूगल प्लेस्टोर से CSIR NEERI  का ग्रीन क्यूआर कोड ऐप डाउनलोड करना होगा. उस क्यूआर कोड को स्कैन करने पर सारी हकीकत आपके सामने आ जाएगी.

लाइसेंस विक्रेता से ही खरीदें पटाखे

ग्रीन पटाखे असली चाहिए तो पटाखों की लाइसेंस प्राप्त दुकान से ही इसे खरीदें. ग्रीन पटाखे सिर्फ लाइसेंस प्राप्‍त दुकान में ही मिलेंगे.

कैटेगरी पढ़े

असली और नकली पटाखे की पहचान के लिए डिब्बे पर लिखे कैटेगरी को पढ़ लें ये तीन कैटेगरी हैं - SWAS, SAFAL और STAR. ये कैटेगरी ग्रीन पटाखों के लिए काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड रिसर्च यानी कि सीएसआईआर ने तैयार की है.

धुएं और आवाज से पहचानें 

SWAS कैटेगरी के पटाखे फूटने के बाद धूल को सोखते हैं. इसी के चलते धूल की नमी भाप के रूप में बाहर आती है. इसी तरह, SAFAL कैटेगरी वाले पटाखे में एल्युमिनियम की सुरक्षित मात्रा डाली जाती है, जो सिंथेटिक पटाखों की तुलना में कम आवाज करती है. STAR कैटेगरी के पटाखे में पोटैशियम नाइट्रेट या सल्फर नहीं होते. इस पटाखे के फूटने के बाद अधिक धुआं नहीं निकलता और न ही किसी अन्य तरह कण उससे बाहर आते हैं.

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