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This Article is From Nov 07, 2023

Home Temple: मंदिर लेते समय रखें इन बातों का ध्यान, वरना घर में प्रवेश कर जाएगी नकारात्मक ऊर्जा

Domes In Home Temple: वास्तु के अनुसार मंदिर हमेशा ईशान कोण या उत्तरी कोण दिशा में होना चाहिए. घर में मंदिर की सही दिशा होना सबसे जरूरी होता है.

Home Temple: मंदिर लेते समय रखें इन बातों का ध्यान, वरना घर में प्रवेश कर जाएगी नकारात्मक ऊर्जा
घर के मंदिर में गुंबद बढ़ाती है नकारात्मक ऊर्जा.

Domes In Home Temple: हम सभी के घर मंदिर स्थापित किया जाता है. छोटा या बड़ा जैसा भी हो. हालांकि घर में  मंदिर स्थापित करने से पहले लोग तरह-तरह के डिजाइन देखते हैं ताकि मंदिर आकर्षक दिखाई दे. हालांकि मंदिर आकर्षण का केंद्र नहीं, बल्कि भक्ति का केंद्र हैं. ऐसे में जरूरी है कि मंदिर की बनावट नियम अनुसार हो, क्योंकि नियम अनुसार स्थापित किए गए मंदिर घर के लिए काफी शुभ होता है. ऐसे में आज हम कुछ नियम बताएंगे, जिसके अनुसार आप अपने घर में मंदिर सथापित कर सकते हैं. 

मंदिर आकर्षण का केंद्र नहीं बल्कि भक्ति का केंद्र है

ज्योतिषाचार्य राकेश कहते हैं कि अक्सर लोग घर के लिए मंदिर लेते समय तरह-तरह के डिजाइन देखते हैं ताकि मंदिर आकर्षक दिखाई दे, जबकि मंदिर आकर्षण का केंद्र नहीं बल्कि भक्ति का केंद्र हैं. ऐसे में जरूरी है कि मंदिर की बनावट उचित रूप से हो.

वास्तु के अनुसार मंदिर हमेशा ईशान कोण या उत्तरी कोण दिशा में होना चाहिए. घर में मंदिर की सही दिशा होना सबसे जरूरी होता है. दरअसल, घर में मंदिर का होना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है और अगर पूजा घर में वास्तु दोष है तो घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है.

ज्योतिषाचार्य राकेश के अनुसार,  घर में पूजा घर की सही दिशा का ज्ञान होना बहुत जरूरी है. अगर घर में बना मंदिर वास्तु विपरीत हो तो पूजा करते समय मन भी एकाग्र नहीं हो पाता और पूजा से लाभ भी नहीं मिलता. 

अक्सर तीर्थ स्थलों पर मौजूद मंदिर की छत के उपर गुंबद होती है,  लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि घर के लिए अगर मंदिर ले रहे हैं तो गुंबद वाला मंदिर न लें. ये घर के लिए काफी अशुभ होता है. 

घर के मंदिर में क्यों नहीं होना चाहिए गुंबद? 

शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जिस भी मंदिर में गुंबद होता है वहां उस गुंबद पर ध्वजा लगाना आवश्यक होता है. साथ ही, कलश स्थापना का भी विधान है. जब घर के लिए मंदिर लेते हैं तब उस मंदिर के गुंबद पर ध्वजा लगाना और कलश स्थापना करना संभव नहीं है. यहा वजह है कि घर के मंदिर का आकार गुंबद जैसा नहीं होना चाहिए.

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घर के मंदिर में बिना कालश या झंडे की गुंबद नेगेटिविटी को बढ़ाती

दरअसल, गुंबद पर लगे ध्वजा और कलश नेगटिव एनर्जी को मंदिर में प्रवेश करने से रोकते हैं और मंदिर की पवित्रता और शुद्धता बनाए रखते हैं,  जबकि घर के मंदिर में बिना कालश या झंडे की गुंबद नेगेटिविटी को बढ़ाती है. इसके अलावा ये कहा जाता है कि मंदिर पर लगे झंडे से ऊंचा और कुछ भी नहीं होना चाहिए. आसपास की कोई भी इमारत या वस्तु उस झंडे के ऊपर नहीं जानी चाहिए. इसलिए घर में गुंबद वाले मंदिर पर ध्वजा लगाने का भी कोई मतलब नहीं होता है, क्योंकि उससे ऊंची वस्तुएं घर में मौजूद रहती है. 

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