Madhya Pradesh News : आज मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस (Foundation Day of Madhya Pradesh) है. इस साल मध्यप्रदेश अपना 68वां स्थापना दिवस (68th Foundation Day of MP) मना रहा है. आज स्थापना दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने सम्राट तानसेन की जन्मस्थली ग्वालियर को “City of Music” की मान्यता दे दी है. इसकी जानकारी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने भी दी है. उन्होंने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रदेश की जनता को शुभकामनाएं भी दी हैं.
CM ने कहा यह कला जगत का है सम्मान
सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस बारे में पोस्ट करते हुए लिखा है कि "मध्यप्रदेश के लिए आनंद एवं गौरव का अवसर... आपको यह बताते हुए मुझे हर्ष के साथ गर्व हो रहा है कि UNESCO ने हमारे संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली ग्वालियर को “City of Music” की मान्यता दी है. ग्वालियर तथा प्रदेश को मिला यह सम्मान हमारी सांस्कृतिक विरासत एवं प्राचीन कला जगत का सम्मान है. मध्यप्रदेश की समस्त जनता को हृदय से शुभकामनाएं."
मध्यप्रदेश के लिए आनंद एवं गौरव का अवसर...
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 1, 2023
आपको यह बताते हुए मुझे हर्ष के साथ गर्व हो रहा है कि @UNESCO ने हमारे संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली ग्वालियर को “City of Music” की मान्यता दी है।
ग्वालियर तथा प्रदेश को मिला यह सम्मान हमारी सांस्कृतिक विरासत एवं प्राचीन कला जगत का…
सुर सम्राट की जन्म-स्थली बेहट में हर साल होता है तानसेन समारोह
ग्वालियर को भारतीय संगीत के महत्वपूर्ण केन्द्रों में से एक माना जाता है. मध्यप्रदेश तानसेन की संगीत भक्ति का स्थान है और ‘ध्रुपद' का भी जन्म स्थान है. सुर सम्राट तानसेन की जन्म-स्थली बेहट में हर साल के तानसेन समारोह होता है. यह सभा बेहट में भगवान भोले के मंदिर के नीचे और झिलमिल नदी किनारे घनी एवं मनोरम अमराई के बीच सजती है. यह वही जगह है जहां सुर सम्राट का बचपन संगीत साधना और बकरियां चराते हुए बीता था.
शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश और दुनिया के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव में से एक है तानसेन समारोह. संगीत की नगरी ग्वालियर के साथ-साथ ग्वालियर-चंबल अंचल के ऐतिहासिक स्थलों को भी समारोह से जोड़ा गया है. 2022 में इस समारोह का 98वां संस्करण मनाया गया था.
यह भी पढ़ें : Panna News : विजयादशमी पर महाराजा छत्रसाल के वंशज को सौंपी गई दिव्य तलवार, फिर जीवंत हुई ऐतिहासिक परंपरा