छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर-पश्चिमी इलाके में बसा मुंगेली जिला कृषि से लेकर पर्यटन तक के लिए प्रदेश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. साथ ही राज्य के बड़े जिलों में शामिल बिलासपुर के नजदीक होने के कारण यहां का विकास भी काफी तेजी से हो रहा है. वर्ष 2012 में जिला बनने से पूर्व मुंगेली बिलासपुर की एक तहसील हुआ करता था. लेकिन बिलासपुर से अलग होने के बाद भी जिले ने विकास की और तेज रफ़्तार पकड़ी. मुंगेली में स्थित मदकू द्वीप, अचानकमार टाइगर रिजर्व, राजीव गांधी जलाशय आदि पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
वन उत्पाद देते हैं आर्थिक विकास में योगदान
खेती, पशुपालन, पारंपरिक व कुटीर उद्योग और वन उत्पाद जिले के आर्थिक विकास में अहम योगदान देते हैं. फसल की बात करें तो मुंगेली की प्रमुख फसलों में धान, सोयाबीन और दलहन शामिल हैं. इनके अलावा यहां गेहूं, चना, अलसी, मकई, ज्वार, मूंगफली, मिर्च, गन्ना आदि की अच्छी पैदावार होती है.
अचानकमार टाइगर रिजर्व है पर्यटकों को करता है आकर्षित
मुंगेली के आसपास काफी अच्छी प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है. यहां घने जंगलों के साथ पहाड़, नदियां और झरने हैं. यहां पर्यटक ट्रेकिंग और जंगल सफारी का भी आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं.
इसके अलावा यहां स्थित राजीव गांधी जलाशय या खुड़िया बांध अंग्रेजों के शासन के समय में बनाया गया था. ये बांध चारों तरफ से बेहद ही खूबसूरत पहाड़ियों और जंगल से घिरा हुआ है. इसके अलावा मुंगेली में अलग-अलग कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते हैं. इन कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकार प्रदर्शन करते हैं. कार्यक्रमों में मुख्य तौर पर लोक नृत्य और संगीत शामिल होता है. इस प्रकार के कार्य्रकमों का उद्देश्यों वहां आने वाले पर्यटकों को स्थानीय सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में जानकारी देना है. सेतगंगा, शिवघाट, खर्राघा, सत्यनारायण मंदिर, हथनिकला मंदिर जिले के मुख्य पर्यटन स्थल हैं.
एक नजर में जिला मुंगेली
- कुल क्षेत्रफल- 1,63,942 वर्ग किलोमीटर
- आबादी- 7,01,707
- तहसील- 4
- विकासखंड- 3
- गांव- 711
- नगरपालिका- 1
- ग्राम पंचायत- 350
- विधानसभा क्षेत्र- 3