
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला भी छत्तीसगढ़ के नवनिर्मित जिलों में शामिल है. 74वें स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर इसे राजनांदगांव जिले से अलग कर एक नया जिला घोषित किया गया था. . प्रदेश के दक्षिण पश्चिम दिशा में राजधानी रायपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर स्थित यह मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला अपनी प्राकृतिक और पुरातात्विक समृद्धि के लिए जाना जाता है. यह क्षेत्र पुराने समय में चंदो (चंद्रपुर) राज के अधीन हुआ करता था, तब यह तीन रियासतों में बंटा था. जिसके आधार पर इसका नाम मोहला-मानपुर-अंबागढ़ रखा गया.
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी का इतिहास
ब्रिटिश शासन काल के दौरान भी क्षेत्र कोराचा, पानाबरस और आमागढ़ नाम के 3 रियासतों में बंटा हुआ था. जिस पर गोंड राजाओं का शासन हुआ करता था. देश की आजादी के बाद यह क्षेत्र दुर्ग जिले का हिस्सा बन गया. लेकिन साल 1973 में राजनांदगांव जिले के गठन के बाद यह इसके अंतर्गत आ गया. इसके बाद करीब 49 सालों बाद इसकी एक नए जिले के रूप में स्थापना की गई.
प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों से समृद्ध
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला प्राकृतिक और धार्मिक पुरातात्विक स्थलों की वजह से पर्यटकों के लिए एक जाना माना स्थान है. यहां प्राकृतिक जलप्रपात, पहाड़ और जंगल समेत थर्ड नाला धोबेदण्ड, मोंगरा बैराज, राजा तालाब और सस्पेंशन ब्रिज जैसे प्रमुख पर्यटन स्थल हैं. जबकि शिवलोक मानपुर और मां छुरिया देवी मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थलों में शामिल हैं.
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी एक नजर में
- क्षेत्रफल - 2145.29 वर्ग किलोमीटर
- जनसंख्या - 2,83,947 (2011 की जनगणना)
- जनसंख्या घनत्व : 132
- लिंगानुपात : 1027
- साक्षरता दर : 74.4 प्रतिशत
- संभाग - दुर्ग
- तहसील - 5 (मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी, खड़गांव, औंधी)
- विधानसभा क्षेत्र - 2